दिल्ली
PM मोदी मणिपुर पर हंस-हंसकर बोले, ये शोभा नहीं देता,राहुल गांधी ने कहा- प्रधानमंत्री मणिपुर को जलाना चाहते हैं..
राहुल गांधी ने कहा- मणिपुर जल रहा है और प्रधानमंत्री हंस-हंसकर बोल रहे थे, ये उनको शोभा नहीं देता। अगर हिंदुस्तान में कहीं हिंसा हो रही है तो उन्हें इस तरह हंस-हंसकर नहीं बोलना चाहिए।
मैं करीब 19 साल से राजनीति में हूं। मैं हर स्टेट में गया। बाढ़, सुनामी, हिंसा होती है, हम जाते हैं। 19 साल के अनुभव में मैंने जो मणिपुर में देखा, कहीं नहीं देखा. मणिपुर के लिए जो मैंने कहा कि भारतमाता की हत्या कर दी है, ऐसे नहीं कहा था।
जब हम वहां पहुंचे तो हमें वहां दौरा करना था। जब हम मैतेई के इलाके में गए तो हमसे कहा गया कि अगर कुकी आपकी सिक्योरिटी में हुआ तो हम गोली मार देंगे। कुकी के इलाके में गए तो कहा कि मैतेई सिक्योरिटी में होगा तो उसे मार देंगे।
प्रधानमंत्री को ये पता नहीं लग रहा है कि हमारे देश में क्या हो रहा है। वो जा नहीं सकते तो वहां के बारे में बोलें तो। जो मणिपुर में हो रहा है, सेना उसे रोक सकती है। प्रधानमंत्री मणिपुर को जलाना चाहते हैं, बचाना नहीं चाहते।
पीएम को भाषण देश के बारे में नहीं, उनके बारे में था
कल का पीएम का भाषण हिंदुस्तान के बारे में नहीं, नरेंद्र मोदी के बारे में था। उनकी राजनीति के बारे में था। प्रधानमंत्री अपने बारे में कहना चाहते हैं, 2024 में वो प्रधानमंत्री बनेंगे, ये बाद की बात है। ये वो किसी सभा में बोलें। संसद में मणिपुर पर चर्चा हो रही थी। उस पर वे कुछ नहीं बोले।
सरकार का ये कहना है कि उन्होंने मणिपुर में मशीनरी में सब चेंज कर दिया, लिहाजा सीएम को इस्तीफा नहीं देना चाहिए?
मणिपुर में हजारों हथियार जो लूटे गए, वो सरकार के नीचे ही लूटे गए। जो हिंसा चल रही है, तो क्या अमित शाह ये चाहते हैं कि ये हिंसा चलती जाए। जो वहां हो रहा है, वह सीएम के रहते हुए ही हो रहा है।
लोकसभा में गिरा विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव
मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू हुआ था। पूरे सत्र में विपक्ष ने मणिपुर में हो रही हिंसा को लेकर जमकर हंगामा किया। वे PM मोदी से मणिपुर पर बोलने की मांग कर रहे थे। इसके लिए विपक्ष ने 26 जुलाई को केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया था। अगले दिन यानी 27 जुलाई को लोकसभा अध्यक्ष ने विपक्ष के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।
उधर, गुरुवार ( 10 अगस्त) को PM मोदी ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब दिया। मोदी ने 2 घंटे 12 मिनट का भाषण दिया, जिसमें वे मणिपुर पर 1 घंटे 32 मिनट बाद बोले। PM ने कहा- मैं सभी देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि जो कोशिशें चल रही हैं, निकट भविष्य में शांति का सूरत जरूर उगेगा। मणिपुर फिर नए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ेगा।
PM मोदी ने मणिपुर मुद्दे पर क्या कहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कल अमित जी ने विस्तार से मणिपुर पर बात की तो देश को भी इनके झूठ का पता चला। अविश्वास प्रस्ताव पर इन्होंने हर विषय पर बोला। हमने कहा था कि अकेले मणिपुर पर आओ, लेकिन साहस नहीं था, पेट में पाप था, और ठीकरा फोड़ रहे थे हमारे सिर। सिवाय राजनीति के इन्हें कुछ करना नहीं है।
मणिपुर को लेकर अदालत का एक फैसला आया, हम जानते हैं। उसके पक्ष-विपक्ष में जो स्थितियां बनी, हिंसा का दौर शुरू हुआ, परिवारों ने अपने स्वजन खोए, महिलाओं के साथ गंभीर अपराध हुए, ये अक्षम्य हैं, दोषियों को सजा दिलवाने के लिए केंद्र-राज्य मिलकर प्रयास कर रहे हैं। मैं सभी देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि जो कोशिशें चल रही हैं, निकट भविष्य में शांति का सूरत जरूर उगेगा। मणिपुर फिर नए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ेगा।
मैं मणिपुर के लोगों से भी कहना चाहता हूं, बेटियों-माताओं-बहनों से कहना चाहता हूं कि देश और सदन साथ है। हम मिलकर इस चुनौती का समाधान निकालेंगे, फिर शांति की स्थापना होगी। मणिपुर के लोगों को भरोसा दिलाता हूं कि वो राज्य फिर विकास पर आगे बढ़े,
PM के जवाब के बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने अविश्वास प्रस्ताव पर सदस्यों की राय ली। इसके बाद ध्वनि मत से अविश्वास प्रस्ताव गिर गया।
मोदी सरकार के खिलाफ यह दूसरा अविश्वास प्रस्ताव था। पहला 20 जुलाई 2018 को तेलुगु देशम पार्टी लाई थी। 12 घंटे चर्चा के बाद मोदी सरकार को 325 वोट मिले थे। विपक्ष को 126 वोट मिले थे। अब तक 27 बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। पहला प्रस्ताव 1963 में चीन युद्ध के बाद तत्कालीन PM नेहरू सरकार के खिलाफ लाया गया था।
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