मध्य प्रदेश

MP के 10 हजार डॉक्टरों की सांकेतिक हड़ताल..

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मध्यप्रदेश के मेडिकल कॉलेज और सरकारी अस्पताल के डॉक्टर्स दोपहर 2 बजे तक हड़ताल पर हैं। डॉक्टर्स सुबह 11 बजते ही कुर्सियों से उठ गए। ओपीडी (आउट पेशेंट डिपार्टमेंट) और आईपीडी (इन पेशेंट डिपार्टमेंट) बंद कर दी। उनकी मांग है कि समयबद्ध क्रमोन्नति और मेडिकल डिपार्टमेंट्स के तकनीकी मामलों में प्रशासनिक दखल को खत्म किया जाए।

डॉक्टर्स की सांकेतिक हड़ताल के चलते अस्पतालों के वार्डों में भर्ती मरीजों को ट्रीटमेंट के लिए परेशान होना पड़ रहा है। चिकित्सा शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग और भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग के डॉक्टर्स ने मप्र शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ की अगुवाई में 1 मई को आंदोलन की शुरुआत की है। आंदोलन के पहले दिन डॉक्टर्स ने सरकारी नीतियों के विरोध में काली पट्‌टी बांधकर काम किया था। मंगलवार को सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर्स की दो घंटे की काम बंद हड़ताल का सबसे ज्यादा असर भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और रीवा के मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों में देखने को मिला।

अस्पतालों में मरीज हो रहे परेशान

डॉक्टर केबिन से निकलकर चले गए
अशोका गार्डन क्षेत्र के प्रगति नगर से जेपी हॉस्पिटल में इलाज कराने पहुंचे हनुमान साहू ने बताया कि मैं लाइन में लगा था। तभी डॉक्टर साहब केबिन से निकल गए। अब कोई यह नहीं बता रहा कि डॉक्टर साहब आएंगे या नहीं आएंगे।

डॉक्टर सामने से निकलकर चले गए …
प्रिंस साहू की मां बीमार है। वह इलाज के लिए मां को लेकर जेपी अस्पताल पहुंचे। ओपीडी रजिस्ट्रेशन कराने के बाद डॉक्टर को दिखाने लाइन में लगे थे। केबिन में बैठकर मरीजों को देख रहे अचानक से डॉक्टर साहब अचानक सामने से निकलकर चले गए। सोचा, अस्पताल में दूसरे डॉक्टर को दिखा लूं, लेकिन अब ओपीडी में एक भी डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं है। अब उनके ड्यूटी पर लौटने का इंतजार कर रहा हूं।

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नंबर आने से पहले डॉक्टर चले गए
जवाहर चौक निवासी देवेंद्र कुमार मिश्रा को उल्टी-दस्त हो रहे हैं। वह इलाज के लिए जेपी अस्पताल पहुंचे। यहां जब तक डॉक्टर को दिखाने का नंबर आता, तब तक वे काम बंद करके हड़ताल पर चले गए। वह कहते हैं अब बीमारी के इलाज के लिए डॉक्टर्स का इंतजार कर रहा हूं। जब वह काम पर लौटेंगे, तभी ट्रीटमेंट मिलेगा।

भोपाल के हमीदिया-जेपी अस्पताल के डॉक्टर्स ने ओपीडी में बंद किया इलाज
मध्यप्रदेश शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ के संयोजक डॉ. राकेश मालवीय ने बताया कि प्रदेश सरकार के साथ लंबे समय से मांगों को लेकर बातचीत का दौर जारी था, लेकिन सरकार हमें लेकर गंभीर नहीं है। इस कारण मजबूरन मंगलवार को दो घंटे की सांकेतिक काम बंद हड़ताल की है। शाम तक कार्रवाई नहीं हुई तो बुधवार से मेडिकल एजुकेशन और स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर्स अनिश्चिकालीन हड़ताल शुरू करेंगे।

जबलपुर में 180 डॉक्टर हड़ताल पर

जबलपुर जिला अस्पताल एलगिन सहित तमाम स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ करीब 180 डॉक्टर आज से 2 घंटे की सांकेतिक हड़ताल पर चले गए हैं। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि हड़ताल के दौरान कोशिश रहेगी कि किसी भी मरीज की मौत ना हो। इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी, लेकिन ओपीडी में मरीजों का इलाज नहीं किया जाएगा।

ग्वालियर में डॉक्टरों ने बनाई अनिश्चितकालीन हड़ताल की रणनीति

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ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल, जिला अस्पताल मुरार, सिविल हॉस्पिटल हजीरा में मंगलवार को डॉक्टर दो घंटे की टोकन स्ट्राइक पर रहे। 11 बजे डॉक्टर अपना काम छोड़कर अस्पताल से बाहर खुले परिसर में आ गए। यहां बुधवार से होने वाली अनिश्चितकालीन हड़ताल की रणनीति बनाने लगे। डॉक्टरों के बाहर आते ही ओपीडी व कैजुअल्टी में व्यवस्थाएं गड़बड़ाने लगीं। यदि बुधवार से सभी डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाते हैं तो गंभीर मरीजों को कहां शिफ्ट किया जाएगा अभी यह प्लान न तो प्रशासन के पास है, न ही जेएएच अधीक्षक और डीन के पास।

रायसेन के 250 डॉक्टर हड़ताल पर

रायसेन जिले के भी 250 से ज्यादा डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन शुरू कर दिया है। पहले दिन जिला अस्पताल में सभी डाक्टरों ने काली पट्टी बांधकर काम किया। अपनी पुरानी मांगों जैसे डीएसीपी लागू करना, पुरानी पेंशन बहाली, मेडिकल काम में प्रशासनिक अधिकारियों की दखल अंदाजी बंद करने की मांग शामिल है।

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