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MP में कोरोना वायरस जैसा संक्रमण, स्ट्रेन में बदलाव,4 दिन के बुखार में लंग्स में 40% इन्फेक्शन, दो सीटी स्कैन इमेज से समझें कोराना और वर्तमान स्थिति
मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस जैसे संक्रमण के मामलों में वृद्धि हो रही है, और इसके स्ट्रेन में बदलाव देखा जा रहा है। इस संक्रमण में मरीजों को 4 दिन के अंदर तेज बुखार हो रहा है, जिसके चलते लंग्स (फेफड़े) में 40% तक संक्रमण हो सकता है। इस स्थिति को समझने के लिए डॉक्टरों ने कोरोना संक्रमण और वर्तमान स्थिति की तुलना दो सीटी स्कैन इमेज से की है।
मुख्य बातें:
- संक्रमण का तेजी से फैलना: वर्तमान में संक्रमण की गति काफी तेज है। मरीजों को शुरुआत में हल्का बुखार होता है, लेकिन 4 दिन के भीतर ही यह गंभीर रूप ले लेता है, जिससे फेफड़ों में गंभीर संक्रमण हो जाता है।
- स्ट्रेन में बदलाव: इस बार वायरस के स्ट्रेन में बदलाव देखा जा रहा है। हालांकि, यह कोरोना वायरस का ही एक रूप हो सकता है, लेकिन इसमें बदलाव के कारण संक्रमण तेजी से फैल रहा है और ज्यादा गंभीर हो रहा है।
- लक्षण और सीटी स्कैन:
- कोरोना वायरस संक्रमण: पुराने कोरोना वायरस के संक्रमण में सीटी स्कैन में “ग्राउंड-ग्लास ऑपेसिटीज़” (GGO) जैसे संकेत देखे जाते थे, जो फेफड़ों में छोटे-छोटे धब्बों की तरह दिखाई देते थे।
- वर्तमान संक्रमण: अब के सीटी स्कैन में फेफड़ों में अधिक गहरे और बड़े धब्बे दिखाई दे रहे हैं, जो तेजी से संक्रमण के बढ़ने का संकेत देते हैं।
- चिकित्सकीय सलाह: डॉक्टरों का कहना है कि इस प्रकार के संक्रमण को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और आवश्यक जांच करवाएं। समय पर उपचार से संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है।
इस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए, मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है और लोगों को स्वास्थ्य संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करने की सलाह दी जा रही है।
मौसम में बदलाव के कारण मध्य प्रदेश में लोग तेजी से वायरल फीवर की चपेट में आ रहे हैं। अस्पतालों में निमोनिया, वायरल फीवर, डेंगू और मलेरिया के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। विशेष रूप से निमोनिया के मामलों में फेफड़ों (लंग्स) पर गंभीर असर देखा जा रहा है।
मुख्य बातें:
- निमोनिया का प्रभाव: वर्तमान में निमोनिया से प्रभावित मरीजों के फेफड़ों में 30 से 40 फीसदी तक संक्रमण देखा जा रहा है। यह संक्रमण बेहद तेजी से फैलता है और चार से पांच दिनों के भीतर ही लंग्स को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।
- वायरल फीवर: मौसम में बदलाव के कारण वायरल फीवर के मामलों में भी वृद्धि हो रही है। इस फीवर के कारण रोगियों में कमजोरी, शरीर में दर्द और तेज बुखार जैसी समस्याएं हो रही हैं। यह बुखार अगर समय पर नियंत्रित न किया जाए, तो निमोनिया जैसे गंभीर रोगों में बदल सकता है।
- डेंगू और मलेरिया: साथ ही, डेंगू और मलेरिया के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। अस्पतालों में इन रोगों से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
- स्वास्थ्य देखभाल: डॉक्टरों का कहना है कि इस मौसम में वायरल संक्रमण से बचने के लिए सावधानी बरतनी जरूरी है। समय पर बुखार और अन्य लक्षणों का इलाज कराने से गंभीर स्थितियों से बचा जा सकता है।
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