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iPhone में एंड्रॉइड से ज्यादा किराया क्यों, ओला-उबर से सरकार ने मांगा जवाब; वो सबकुछ जो जानना जरूरी है

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परिचय
हाल ही में सरकार ने ओला और उबर जैसी राइड-शेयरिंग कंपनियों से एक अहम सवाल पूछा है – iPhone उपयोगकर्ताओं को एंड्रॉइड उपयोगकर्ताओं की तुलना में अधिक किराया क्यों देना पड़ता है? यह मामला उपभोक्ताओं के बीच चर्चा का विषय बन गया है। इस ब्लॉग में हम इस मुद्दे की गहराई में जाकर समझेंगे कि यह अंतर क्यों है और सरकार ने इस पर क्या कदम उठाए हैं।


iPhone और Android किराये में अंतर का कारण

  1. अलग-अलग एल्गोरिदम का उपयोग
    ओला और उबर जैसी कंपनियां अपने किराये तय करने के लिए स्मार्ट एल्गोरिदम का उपयोग करती हैं। ऐसा माना जा रहा है कि iPhone उपयोगकर्ताओं के डेटा के आधार पर ये सिस्टम उन्हें “प्रीमियम कस्टमर” समझता है।
  2. प्रीमियम डिवाइस धारकों का टैग
    iPhone उपयोगकर्ता प्रीमियम डिवाइस इस्तेमाल करते हैं, जिससे यह माना जाता है कि वे अधिक भुगतान करने में सक्षम हैं। कंपनियां इसी धारणा के आधार पर किराये में वृद्धि कर सकती हैं।
  3. भौगोलिक और डिवाइस आधारित सर्ज प्राइसिंग
    • iPhone का उपयोग करने वाले अक्सर महानगरों में पाए जाते हैं जहां सर्ज प्राइसिंग अधिक होती है।
    • एंड्रॉइड उपयोगकर्ताओं की तुलना में iPhone उपयोगकर्ता ऐप पर अधिक सुविधाएं चुन सकते हैं, जिससे किराया बढ़ सकता है।

सरकार का हस्तक्षेप क्यों?

  • सरकार को कई उपभोक्ताओं से शिकायतें मिली हैं कि iPhone उपयोगकर्ताओं से अन्य डिवाइस उपयोगकर्ताओं की तुलना में अधिक शुल्क लिया जा रहा है।
  • यह भेदभावपूर्ण व्यापार व्यवहार माने जाने की संभावना है।
  • उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत सरकार ने ओला और उबर से इस बारे में सफाई मांगी है।

ओला और उबर का पक्ष

  • ओला और उबर का कहना है कि उनका किराया तय करने का सिस्टम एल्गोरिदम-आधारित है और यह डिवाइस के अनुसार भेदभाव नहीं करता।
  • हालांकि, वे सरकार के सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हैं।

उपभोक्ताओं को क्या कदम उठाने चाहिए?

  1. किराये की तुलना करें
    हर राइड से पहले अलग-अलग डिवाइस पर किराये की तुलना करें।
  2. शिकायत दर्ज करें
    यदि आपको भेदभाव महसूस हो तो संबंधित कंपनी की कस्टमर केयर या उपभोक्ता फोरम में शिकायत करें।
  3. वैकल्पिक सेवाओं का उपयोग करें
    यदि समस्या बनी रहती है तो अन्य राइड-शेयरिंग ऐप्स का उपयोग करें।

निष्कर्ष

iPhone और एंड्रॉइड उपयोगकर्ताओं के किराये में अंतर एक गंभीर मुद्दा है, जिस पर सरकार ने ध्यान दिया है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि ओला और उबर अपने सिस्टम में कोई बदलाव करते हैं या नहीं। उपभोक्ताओं को भी सतर्क रहना चाहिए और अपनी आवाज उठानी चाहिए।


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