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ED शराब नीति केस में AAP को आरोपी बनाएगी,हाईकोर्ट में सिसोदिया की जमानत के विरोध में कहा- अगली चार्जशीट पेश करेंगे

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दिल्ली शराब नीति केस में अब आम आदमी पार्टी (AAP) को भी आरोपी बनाया जाएगा। ED के वकील ने जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा से कहा कि मामले की अगली चार्जशीट में हम ये करेंगे। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार 14 मई को दिल्ली हाईकोर्ट में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान ये बात कही। ED ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में सिसोदिया की जमानत का विरोध किया।

सिसोदिया के वकील ने कहा कि ED और CBI सिर्फ लोगों को गिरफ्तार कर रही है। ट्रायल के दौरान उनसे कोई सवाल नहीं होते।

सिसोदिया की 8 मई को हुई पिछली सुनवाई में ED और CBI के वकीलों ने जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा से कहा था कि हमें जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय चाहिए।

3 मई की सुनवाई में कोर्ट ने ED-CBI को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। साथ ही सिसोदिया को बीमार पत्नी सीमा से हफ्ते में एक बार मिलने की परमिशन भी दी थी।

मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी 2023 को CBI ने करीब 8 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। इसके बाद ED ने भी उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था। वे फिलहाल तिहाड़ जेल में हैं। 7 मई 2024 को सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 15 मई तक बढ़ाई गई। उधर, दिल्ली कोर्ट ने एक्साइज ड्यूटी स्कैम केस में सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 21 मई तक के लिए बढ़ा दी है।

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कई बार खारिज हुई सिसोदिया की जमानत याचिका
CBI ने सिसोदिया को 26 फरवरी, 2023 को गिरफ्तार किया था। ED ने न्यायिक हिरासत के दौरान उन्हें 9 मार्च, 2023 को गिरफ्तार किया था। सिसोदिया तब से तिहाड़ जेल में हैं। उन्होंने ED मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी, जिसे 28 अप्रैल, 2023 को खारिज कर दिया गया था।

CBI मामले में उनकी जमानत याचिका 31 मार्च, 2023 को खारिज हुई थी। इसके बाद उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि हाईकोर्ट ने ED मामले में उनकी जमानत याचिका को 3 जुलाई, 2023 और CBI मामले में उनकी जमानत याचिका 30 मई, 2023 को खारिज की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने 30 अक्टूबर, 2023 सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि घोटाले से जुड़े कई सवालों के जवाब अभी नहीं मिले हैं। इनमें 338 करोड़ का लेन-देन हुआ है, जिसमें सिसोदिया की भूमिका संदिग्ध लग रही है। इसलिए याचिका खारिज की जाती है।

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