छत्तिश्गढ़

CG की श्रद्धा ने IAS ट्रेनिंग सेंटर में गाया अरपा-पैरी…

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रायपुर की श्रद्धा शुक्ला ने मसूरी के लाल बहादुर शास्त्री प्रशासन अकादमी में छत्तीसगढ़िया दम दिखाया । श्रद्धा शुक्ला ने एकेडमी में आयोजित कार्यक्रम के दौरान छत्तीसगढ़ का राज्य गीत गाया । प्रदेश के राज्य गीत अरपा पैरी के धार को बेहद सुरीले अंदाज में श्रद्धा शुक्ला ने परफॉर्म किया ।

श्रद्धा शुक्ला ने हाल ही में यूपीएससी में 45वीं रैंक हासिल करते हुए देश के टॉप 50 में जगह बनाई थी। श्रद्धा शुक्ला जल्द ही बतौर आईएएस अपनी सेवा देंगी, फिलहाल उनकी ट्रेनिंग जारी है । दरअसल लाल बहादुर शास्त्री प्रशासन अकादमी में सभी राज्यों से सलेक्टेड कैंडिडेट ने अपने-अपने प्रदेश की कला और संस्कृति का प्रदर्शन किया । इस दौरान श्रद्धा शुक्ला छत्तीसगढ़िया लुगरा (साड़ी) में नजर आईं।

श्रद्धा ने सिक्कों की माला और प्रदेश के पारंपरिक गहनों को पहनकर उन्होंने छत्तीसगढ़िया संस्कृति की झलक दिखाई। अपने आउफिट के बारे में देशभर से सेलेक्ट होकर आए युवाओं को बताया । प्रशासनिक अकादमी में कुछ महीनों की ट्रेनिंग के बाद श्रद्धा शुक्ला समेत सभी अफसर अपनी पोस्टिंग हासिल करेंगे, बहुत मुमकिन है कि आईएएस की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद श्रद्धा को छत्तीसगढ़ में ही पोस्टिंग मिले।

मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में इंडिया डे सेलिब्रेट किया गया। यहां जिसमें देश भर से आईएएस, आईपीएस का प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षु अधिकारियों ने भाग लिया।

श्रद्धा शुक्ला छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला की बेटी हैं। वे छत्तीसगढ़ कांग्रेस में लंबे समय से प्रवक्ता भी रहे हैं। श्रद्धा ने अपने राज्य में ही रहकर यूपीएससी की तैयारी की, उन्होंने अपनी पढ़ाई दिल्ली नहीं जाकर बल्कि ऑनलाइन के माध्यम से पूरी की।

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श्रद्धा शुक्ला ने बताया, उनका यहां तक का सफर थोड़ा मुश्किल था, लेकिन परिवार, पेरेंट्स और दोस्तों के सपोर्ट से थोड़ा आसान हो गया। नए स्टूडेंट जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं उनके लिए श्रद्धा ने बताया कि मैंने रायपुर में ही रहकर सारी प्रिपरेशन की है। रायपुर के गवर्नमेंट डीबी गर्ल्स कॉलेज से बीएससी और एमएससी किया है। ग्रेजुएशन के साथ ही एक स्थानीय कोचिंग में यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी।

रायपुर में तैयारी नहीं होगी इस सोच को श्रद्धा ने गलत साबित किया। उन्होंने कहा लोग कहते थे कि यहां से तैयारी नहीं हो पाती। यह सबसे बड़ी बाधा है। वह हट जाए तो चीजें आसान हो जाएंगी। यहां रिसोर्सेज हैं। ऑनलाइन भी चीजें मौजूद हैं। उतनी तकलीफ नहीं है। बस एक मेंटल ब्लॉकेज है कि यहां रहकर होता नहीं है। बाकी कुछ समस्या नहीं है। रायपुर में बहुत अच्छा माहौल है। मैंने पढ़ाई एमएससी इन फिजिक्स की है, लेकिन UPSC में ऑप्शनल जिओग्राफी था।

छत्तीसगढ़ से टॉप 50 में आने वाली पहली टॉपर बनीं
छत्तीसगढ़ की श्रद्धा शुक्ला 2021 यूपीएससी के रिजल्ट श्रद्धा के दादा जी के सपने को पूरा करने के लिए काफी था। लेकिन सिविल सर्विस की परीक्षा में श्रद्धा ने एक ऐसी लकीर खींच दी जो राज्य बनने के बाद अबतक नहीं हुआ है। छत्तीसगढ़ में इससे पहले किसी महिला ने यूपीएससी टॉप 50 में जगह नहीं बनाई। श्रद्धा छत्तीसगढ़ की पहली टॉपर है जिन्होंने देशभर में 45 वीं रैंक हासिल की थी।

घर पर बैठ कर यूपीएससी की तैयारी की थीं
युवाओं के मन में एक धारणा बनी हुई है यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली में जाकर कोचिंग करना जरूरी है। इसके बिना एग्जाम क्रैक करना मुश्किल है। इस धारणा को श्रद्धा ने तोड़ था। उन्होंने अपनी यूपीएससी की तैयारी रायपुर में रहकर ही पूरी की। उनका मानना है की लगन जुनून हो तो घर बैठे भी यूपीएससी की तैयारी की जा सकती है। उन्होंने बताया कि रायपुर के गायत्री नगर में एमजीएम हायर सेकेंडरी स्कूल है, जहां से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की, इसके बाद गवर्मेंट डीबी गर्ल्स पीजी कॉलेज में बीएससी में ग्रेजुएशन किया। इस दौरान यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी। पढ़ाई पूरी करने के बाद यूपीएससी की तैयारी में पूरी तरह से जुट गई।

तीसरे प्रयास में आईएएस बनने का सपना हुआ पूरा
श्रद्धा ने अपने पहले प्रयास के बारे में बताया की उन्होंने दिन रात एक कर के तैयारी की, लेकिन सफलता नहीं मिली इससे काफी दुख हुआ। लेकिन मन में मैंने ठान लिया था की मुझे आईएएस अधिकारी बनना ही है। फिर से पढ़ना शुरू की पहले से ज्यादा तैयारी की, परिणाम आया लेकिन आईएएस के चयन सूची में नाम नहीं आया। हालांकि की भारतीय डाक और दूरसंचार खाते और वित्तीय सेवाएं में चयन हुआ। पर आईएएस बनने का सपना अभी भी अधूरा रह गया। दो प्रयास के बाद भी सफलता नहीं मिली तो निराशा ने जकड़ लिया। मन हुआ अब और नहीं यही से वापसी लेकिन माता पिता और दोस्तों ने हौसला बढ़ाया, फिर उसी लगन से तैयारी की इस बार समय कम बचा था, पर तीसरे प्रयास में आईएएस बनने का सपना पूरा हुआ।

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