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AAP सांसद बोले- प्रस्ताव पर फर्जी दस्तखत सिर्फ अफवाह,विशेषाधिकार समिति को भेजी शिकायत में भी फर्जीवाड़ा..

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AAP के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने गुरुवार को कहा कि उनके खिलाफ जो फर्जी दस्तखत कराने की शिकायत की गई है, वह सिर्फ अफवाह है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि राघव चड्ढा ने दिल्ली सर्विस (अमेंडमेंट) बिल को सिलेक्ट कमेटी के पास भेजे जाने का जो प्रस्ताव राज्यसभा में पेश किया, उसमें सांसदों के फर्जी दस्तखत कराए।

भाजपा की शिकायत के बाद यह मामला संसद की विशेषाधिकार समिति के पास जांच के लिए भेजा गया है। राघव चड्ढा ने पार्टी नेता संजय सिंह के साथ गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

उन्होंने कहा कि भाजपा लगातार दुष्प्रचार कर रही है, झूठ बोल रही है। सच बताने के लिए मुझे सामने आना पड़ा। राघव चड्ढा ने एक दस्तावेज मीडिया को दिखाया।

चड्ढा ने कहा- यह राज्यसभा सेक्रेटेरिएट का बुलेटिन है। इसमें कहीं भी दस्तखत, फर्जीवाड़ा, फोर्जरी, जालसाजी जैसे शब्दों का प्रयोग नहीं किया गया। सिर्फ इतना कहा गया है कि इसकी जांच की जाए। अगर भाजपा के पास ऐसा कोई फर्जी दस्तखत का कागज है, जो वह इसे दिखाए।

भाजपा की शिकायत क्या है: राज्यसभा में 7 अगस्त को देर रात 10 बजे दिल्ली सर्विसेज (अमेंडमेंट) बिल पास किया गया था। इससे पहले AAP सांसद चड्ढा ने दिल्ली सर्विस बिल को सिलेक्ट कमेटी के पास भेजने का प्रस्ताव पेश किया था।

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इस पर अमित शाह ने राज्यसभा में कहा- मोशन पर चड्ढा ने 5 सांसदों के फर्जी दस्तखत लगाए हैं। दो मेंबर्स कह रहे हैं कि हस्ताक्षर उन्होंने नहीं किए। उस मामले की जांच हो। डिप्टी स्पीकर हरिवंश ने कहा कि मुझसे 4 मेंबर्स पहले ही शिकायत कर चुके हैं।

AAP सांसद ने क्या जवाब दिया था: राघव चड्ढा ने 7 अगस्त को ही आरोपों का खंडन किया और कहा कि बिल को सिलेक्ट कमेटी के पास भेजने के प्रस्ताव पर दस्तखत की जरूरत ही नहीं होती और यह नियम है।

5 सांसदों ने शिकायत की, विशेषाधिकार समिति जांच करेगी: राघव चड्ढा ने 5 सांसदों के नाम दिए गए थे। इनमें नरहनि अमीन (भाजपा), सुधांशु त्रिवेदी (भाजपा), फांगनोन कोन्यक (भाजपा), सस्मित पात्रा (बीजू जनता दल) और के. थांबिदुराई (AIADMK) शामिल हैं। पांचों ने राघव चड्‌ढा के खिलाफ विशेषाधिकार भंग करने के अलग-अलग नोटिस दिए हैं। मामले को जांच के लिए विशेषाधिकार समिति के पास भेजा गया है।

राघव चड्ढा ने कहा था कि दिल्ली सर्विस (अमेंडमेंट) बिल एक संवैधानिक पाप है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अध्यादेश के जरिए पलटकर भाजपा ने मैसेज दिया है कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले को भी नहीं मानते।
AAP सांसद चड्ढा ने दिल्ली सर्विस बिल को सिलेक्ट कमेटी के पास भेजने का प्रस्ताव पेश किया था

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