छत्तिश्गढ़

25 साल से इंतजार,इस सड़क से रोजाना 10 गांव के ग्रामीण सहित दो ब्लॉक के लोग करते हैं आना-जाना… 

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बालोद व गुंडरदेही दो ब्लॉक के सीमा विवाद में उलझी जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर भेंगारी से हल्दी व शीशम चौक से पसौद के बाजार चौक तक 6 किलोमीटर सड़क खराब होने से लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही है। इस मार्ग का डामरीकरण करने की मांग बरसों से ग्रामीण कर रहे हैं लेकिन तस्वीर जस की तस है। पेचवर्क से काम चलाया जा रहा है।

हल्दी-भेंगारी मार्ग का 25 साल बाद पेचवर्क का काम बुधवार को शुरू हो गया है। इससे कुछ हद तक आसपास के 10 गांव सहित दो ब्लाॅक के लोगों को राहत मिलेगी। लेकिन भारी वाहनों के दबाव में कुछ समय बाद स्थिति जस की तस होने से लोग परेशान होंगे। विभागीय जानकारी के अनुसार इस मार्ग पर डामरीकरण के लिए अभी राशि स्वीकृत नहीं हुई है। शासन के पास मरम्मत कराने के लिए जो फंड रहता है उसी से फिलहाल पेचवर्क करने का प्लान बनाया गया है।

शासन से राशि स्वीकृति के बाद नए सिरे से डामरीकरण किया जाएगा। लेकिन कब तक इस संबंध में कोई बता नहीं पा रहे है। डामर की परत उखड़ जाने से मार्ग पर गिट्टी दिखाई दे रही है। इसी मार्ग से स्कूली व कॉलेज के विद्या॰र्थी भी आना-जाना करते हैं।

बालोद व गुंडरदेही दो ब्लॉक के सीमा विवाद में उलझी जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर भेंगारी से हल्दी व शीशम चौक से पसौद के बाजार चौक तक 6 किलोमीटर सड़क खराब होने से लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही है। इस मार्ग का डामरीकरण करने की मांग बरसों से ग्रामीण कर रहे हैं लेकिन तस्वीर जस की तस है। पेचवर्क से काम चलाया जा रहा है।

हल्दी-भेंगारी मार्ग का 25 साल बाद पेचवर्क का काम बुधवार को शुरू हो गया है। इससे कुछ हद तक आसपास के 10 गांव सहित दो ब्लाॅक के लोगों को राहत मिलेगी। लेकिन भारी वाहनों के दबाव में कुछ समय बाद स्थिति जस की तस होने से लोग परेशान होंगे। विभागीय जानकारी के अनुसार इस मार्ग पर डामरीकरण के लिए अभी राशि स्वीकृत नहीं हुई है। शासन के पास मरम्मत कराने के लिए जो फंड रहता है उसी से फिलहाल पेचवर्क करने का प्लान बनाया गया है।

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शासन से राशि स्वीकृति के बाद नए सिरे से डामरीकरण किया जाएगा। लेकिन कब तक इस संबंध में कोई बता नहीं पा रहे है। डामर की परत उखड़ जाने से मार्ग पर गिट्टी दिखाई दे रही है। इसी मार्ग से स्कूली व कॉलेज के विद्या॰र्थी भी आना-जाना करते हैं।

2 एसडीओ की सड़क, मरम्मत करा रहे बालोद एसडीओ
इस मार्ग का आधा हिस्सा गुण्डरदेही एसडीओ और आधा हिस्सा बालोद एसडीओ के दायरे में आता है। इसलिए अब तक दोनों एसडीओ का आपस में तालमेल नहीं होने के कारण डामरीकरण तो दूर मरम्मत भी नहीं हो पा रही थी। अब स्थिति यह आ गई कि बालोद एसडीओ को ही दोनों सीमा की मरम्मत करना पड़ रहा है। इस मार्ग की मरम्मत नहीं होने के कारण रोजाना परेशानियों से जूझना पड़़ता है।

गर्मी में धूल उडऩे व बरसात में इस मार्ग पर कीचड़, गड्‌डों, गिट्‌टी के कारण राहगीर, आसपास के ग्रामीणों को परेशानी हो रही है। हालांकि मार्ग को संवारने प्रस्ताव भेजा जा चुका है, जो शासन स्तर पर लंबित है। राशि स्वीकृति होने के बाद ही डामरीकरण हो पाएगा।

गुंडरदेही व बालोद ब्लॉक की सीमा पर है यह मार्ग
पसौद के कामता प्रसाद साहू, पुनीत राम, तेजू राम साहू ने बताया कि यह मार्ग दो ब्लॉक की सीमा पर है। आधा हिस्सा गुंडरदेही व आधा बालोद ब्लॉक में आता है। इसलिए मरम्मत पर बालोद और गुंडरदेही एसडीओ ध्यान नहीं दे रहे थे। सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं और गिट्टी उखड़ गई है। ग्रामीण लोकेश्वर साहू, चंदूलाल साहू, निरंजन साहू ने बताया कि इस मार्ग पर ढाबाडीह मोड़ के पास ज्यादा खतरा है। दोनों ओर लगभग 100 मीटर तक मार्ग के बीचोबीच बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। वाहनों को मार्ग के कारण साइड देने में दिक्कत होती है। रात में यहां से गुजरने से हादसे का खतरा ब़ढ़ जाता है।

हर साल इंतजार, डेढ़ किमी सड़क पर चलना मुश्किल
हल्दी-भेंगारी मार्ग के डामरीकरण होने का इंतजार 10 गांव के ग्रामीण कर रहे हैं। लगभग 25 साल से इस मार्ग का दोबारा डामरीकरण नहीं हुआ है। हर साल बारिश में बचा डामर उखड़ जाता है। जिसका परिणाम लगभग 20 हजार लोग भुगत रहे हैं। ग्रामीणों की मानें तो हल्दी-भेंगारी डेढ़ किमी सड़क सीमा विवाद में उलझ गई है। इसलिए मरम्मत नहीं हो रही। मार्ग सिकोसा, बेलोदी व लाटाबोड़ होते हुए जिला मुख्यालय को जोड़ता है। वहीं हल्दी से पसौद तक चार किमी भी इस मार्ग को जोड़ता है।

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