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होली में हर्बल और ऑर्गेनिक कलर के नाम पर ना खा जाएं धोखा, इन ट्रिक्स से करें असली-नकली रंगों की पहचान…

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होली में लोग हर्बल और ऑर्गेनिक लिखा देख रंग खरीद तो लेते हैं, लेकिन कई बार धोखा खा जाते हैं. असलियत में रंग मिलावटी होते हैं, जिनके इस्तेमाल से स्किन एलर्जी समेत कई बीमारियां हो सकती हैं. आइये इस आर्टिकल में जानते हैं कि असली और नकली रंग की पहचान कैसे कर सकते हैं

हिंदू धर्म में होली के त्योहार का खास महत्व है. इस बार 8 मार्च को होली (Holi 2023 Date) का त्योहार है. ऐसे में बजारों में होली की धूम देखने को मिल रही है. बाजारों में रंग-गुलाल भी मिलने शुरू हो गए हैं. अलग-अलग क्वालिटी के रंग मार्केट में अवेलेबल हैं. अगर आप भी होली के लिए रंग खरीदने जा रहे हैं तो इनमें होने वाली मिलावट का ध्यान रखिएगा. मिलावटी या नकली रंग (Fake Colors in Holi) आपकी त्वचा की रंगत को बिगाड़ सकता है. यही वजह है कि आज हम आपको इस आर्टिकल में असली और नकली रंगों की पहचान करने की ट्रिक बताएंगे, तो आइये जानते हैं…

गंध से करें पहचान 
कई बार हम इको-फ्रेंडली, नेचुरल या ऑर्गेनिक का लेबल लगा देखकर रंगों को खरीद लाते हैं, लेकिन वह असली नहीं होते हैं. ये हमारे लिए बेहद हानिकारक हो सकते हैं. रंग को खरीदते समय ध्यान दें कि कहीं किसी तरह के केमिकल या पेट्रोल की गंध तो नहीं आ रही है. 

पानी में घोलकर चेक करें 
रंग के असली या नकली की पहचान आप पानी के जरिए भी कर सकते हैं. इसके लिए थोड़ा सा रंग लेकर उसे पानी में घोल लीजिए. अगर रंग पानी में नहीं घुलता तो समझ जाइये कि उसमें केमिकल मिला है. 

रंग में चमकदार कण तो नहीं
रंग खरीदते वक्त ध्यान रखे कि कहीं उसमें चमकदार कण तो नहीं दिख रहे हैं. अगर ऐसा है तो हो सकता है कि उसमें शीशे की मिलावट की गई है. दरअसल, नेचुरल रंगों में किसी तरह की कोई चमक नहीं होती है. 

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घर पर ही बनाएं रंग 
बाजारों में मिलने वाले हानिकारक रंगों को खरीदने की बजाय आप घर में ही आसानी से नेचुरल रंग बना सकते हैं. जैसे- पीला रंग बनाने के लिए आप बेसन और हल्दी का इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐसे ही तमाम घरेलू और नेचुरल चीजों का इस्तेमाल कर आप हर्बल रंग बना सकते हैं. जो आपकी स्किन के लिए भी अच्छा होगा. 

मिलावटी रंगों से हो सकती हैं ये परेशानियां
मिलावटी रंगों के इस्तेमाल से आपको स्किन एलर्जी हो सकती है. इसके अलावा चक्कर, सिरदर्द और सांस लेने जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. मिलावटी रंगों में होने वाले खतरनाक रसायन की वजह से कैंसर और अस्थमा जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं. 

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