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सरकार बनाने का नंबर गेम,नीतीश-नायडू NDA छोड़ दें, तो भी कैसे तीसरी बार PM बनेंगे मोदी,7 सिनेरियो से समझिए

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लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी और एनडीए को बहुमत हासिल करने के लिए कई संभावनाएं हैं। मौजूदा रुझानों के आधार पर, अगर एनडीए को बहुमत से थोड़ी कमी होती है और महत्वपूर्ण सहयोगी जैसे नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू एनडीए से अलग हो जाते हैं, तो भी नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने की संभावनाएं बरकरार हैं। यहां सात संभावित परिदृश्यों के माध्यम से समझते हैं कि मोदी कैसे तीसरी बार प्रधानमंत्री बन सकते हैं:

1. एनडीए के मौजूदा सहयोगियों का समर्थन

अगर मौजूदा एनडीए के सभी सहयोगी अपने समर्थन पर कायम रहते हैं, तो एनडीए बहुमत का आंकड़ा पार कर सकती है। मौजूदा रुझानों के अनुसार एनडीए के पास 298 सीटें हैं, जो बहुमत के लिए आवश्यक 272 सीटों से अधिक हैं।

2. नई पार्टियों का समर्थन

अगर एनडीए बहुमत से कुछ सीटें कम रह जाती है, तो वे नई पार्टियों या निर्दलीय सांसदों का समर्थन प्राप्त कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, ओडिशा की बीजू जनता दल (बीजेडी) और आंध्र प्रदेश की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) जैसी क्षेत्रीय पार्टियां एनडीए को समर्थन दे सकती हैं।

3. नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के बाहर जाने पर भी

अगर नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) और चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) एनडीए से अलग हो जाती हैं, तो भी एनडीए के पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त समर्थन जुटाने के कई विकल्प होंगे। ऐसी स्थिति में एनडीए को अन्य सहयोगियों और नई पार्टियों के समर्थन की आवश्यकता होगी।

4. विपक्षी दलों में विभाजन

अगर विपक्षी दलों में मतभेद और विभाजन होता है, तो एनडीए इसका फायदा उठा सकती है। कुछ विपक्षी दल या निर्दलीय सांसद एनडीए को समर्थन देकर सरकार बनाने में मदद कर सकते हैं।

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5. अल्पमत सरकार

अगर एनडीए स्पष्ट बहुमत नहीं हासिल कर पाती है, तो भी नरेंद्र मोदी अल्पमत सरकार बनाने का प्रयास कर सकते हैं। इस स्थिति में, वे विश्वास मत हासिल करने के लिए नई पार्टियों और निर्दलीय सांसदों का समर्थन जुटा सकते हैं।

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