Connect with us

छत्तिश्गढ़

रायपुर में करीब 6 सालों से बंद है लेन-देन, ये नहीं चलता कहकर कारोबारी नहीं लेते कॉइन..

Published

on

रायपुर में करीब 6 सालों से बंद है लेन-देन, ये नहीं चलता कहकर कारोबारी नहीं लेते कॉइन.. October 15, 2025

रायपुर की दुकानों पर 10 के सिक्के भारतीय मुद्रा ही नहीं माना जाता। जब भी कोई ग्राहक 10 का सिक्का देता है तो सामने से दुकानदार यही कहता है ये नहीं चलता। अब इस मामले पर जिला प्रशासन सख्त रुख अपना सकता है। रायपुर के कलेक्टर ने ये तक कहा है कि अगर कोई RBI की जारी मुद्रा को लेने से इनकार करेगा तो उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जा सकता है।

अब समझिए कि बाजार के क्या हाल हैं। राजधानी में करीब पांच-छ: साल से 10 रुपए के सिक्कों का लेन-देन बंद है। चौंकाने वाली बात यह है कि इन सालों में अब तक प्रशासन की ओर से किसी भी कारोबारी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। रायपुर में RBI का स्टेट ऑफिस है, वहां के अफसरों को भी इस बात की जानकारी मिलती रही मगर उन्होंने भी कुछ नहीं किया।

राजधानी के किसी भी किराना दुकान, चाय या पान ठेलों में 10 रुपए के सिक्के नहीं लिए जाते। सामान देने वाला व्यापारी 10 रुपए के सिक्के लेने से साफ इनकार कर कर देता है। इन छोटे व्यापारियों ने दैनिक भास्कर को बताया कि जब फोन पे, पेटीएम समेत कई ऐप शुरू हुए हैं, लोग इसी से भुगतान कर देते हैं। इसलिए बाजार में अब 10 रुपए के सिक्के दिखाई ही नहीं दे रहे हैं। कुछ समय बाद यह सिक्के बाजार से पूरी तरह से गायब हो जाएंगे।

व्यापारियों की माने तो एक साथ 10 के सिक्के बड़ी संख्या में इकट्ठा करने पर बैंक वाले भी उसे जमा करने से इनकार कर देते हैं। ऐसा कुछ मामलों में हो चुका है इसके बाद ये बात कारोबारियों के बीच तेजी से फैली और अब 10 का सिक्का देखते ही बहुत से दुकानदार एक सुर में ना कह देते हैं। कारोबारी संगठनों के दबाव बनाने के बाद बैंक ने सिक्के लिए थे, मगर 10 का सिक्का न लेना एक चलन बन चुका है।दरअसल रायपुर के कलेक्टर डॉ सर्वेशर भूरे सोमवार को आम लोगों से मुलाकात कर रहे थे। इसी बीच लाखे नगर निवासी डॉ जितेंद्र सोनकर ने 10 रुपये के सिक्के को बाजार में मान्य करने संबंधी आवेदन प्रस्तुत किया इस पर कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे ने रायपुर जिले के निवासियों एवं व्यापारियों से अपील की है कि 10 रुपये के सिक्के को लेने से इनकार ना करें। अगर कोई भी व्यक्ति रिजर्व बैंक ऑफ इडिया द्वारा जारी किए गए सिक्कों को नही लेता है ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति के ऊपर मामला दर्ज कराया जा सकता है।

10 के सिक्कों पर जारी विवाद पर चेम्बर ऑफ कॉमर्स के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ने दैनिक भास्कर से कहा कि 10 के सिक्के चलन में हैं। दुकानदारों के इसे लेना चाहिए। ये सिक्के बैंक वाले नहीं लेते ऐसी बात सामने आई थी। हमने इस संबंध में बैंकर्स से भी बात की है, 10 के सिक्के सभी दुकानदारों को लेने चाहिए। यदि 10 के सिक्के लेने के बाद बैंक उसे न लें तो कारोबारी चैम्बर से शिकायत कर सकते हैं। इस पर बैंक से बात की जाएगी, मगर ग्राहकों से 10 के सिक्के सभी दुकानदार स्वीकार करें।

Advertisement

छोटे सिक्के आमतौर पर चाय-पान ठेलों पर ज्यादा दिखते और चलते हैं, लेकिन राजधानी के किसी भी किराना दुकान, चाय या पान ठेलों में 10 रुपए के सिक्के नहीं लिए जाते। सामान देने वाला व्यापारी 10 रुपए के सिक्के लेने से साफ इंकार कर कर देता है। इन छोटे व्यापारियों ने दैनिक भास्कर को बताया कि जब फोन पे, पेटीएम समेत कई ऐप शुरू हुए हैं, लोग इसी से भुगतान कर देते हैं। इसलिए बाजार में अब 10 रुपए के सिक्के दिखाई ही नहीं दे रहे हैं। कुछ समय बाद यह सिक्के बाजार से पूरी तरह से गायब हो जाएंगे।

व्यापारियों की माने तो एक साथ 10 के सिक्के बड़ी संख्या में इकट्ठा करने पर बैंक वाले भी उसे जमा करने से इनकार कर देते हैं। बैंकों में चिल्लर जमा करने जाने पर अधिकारी खाली समय या शाम को आने के लिए कहते हैं। बड़े जमा बैंक वाले एक बार में लेते ही नहीं। दबाव बनाने के बाद वे 2 से 3 बार में जमा लेते हैं। इसलिए व्यापारियों ने 10 रुपए के सिक्के लेना ही बंद कर दिया

Continue Reading
Advertisement
Click to comment

You must be logged in to post a comment Login

Leave a Reply