उत्तर प्रदेश

राम मंदिर के एनसाइक्लोपीडिया चंपत राय की कहानी..

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चंपत राय, जिनका असली नाम चंपत राम तिवारी था, एक जाने-माने केमिस्ट थे और उन्होंने राम मंदिर बनाने के लिए अपनी जीवन की प्रायश्चित समर्थन की थी। वे 1992 में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के दौरान एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थीं। राय ने इस अंधविश्वास और असहिष्णुता के खिलाफ खुलकर आवाज उठाई थी।

चंपत राय ने 1992 में केंद्रीय गोली मैदान के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था, जिसमें वे भारतीय धर्म और संस्कृति के पक्ष में आवाज बुलंद करते थे। इसके बाद, उन्हें राम मंदिर बनाने के समर्थन में शामिल होने के लिए बहुत समय तक जेल में रहना पड़ा।

राय ने इस बात की जरूरत महसूस नहीं की कि उन्हें अपने रामकाज के लिए शादी करनी चाहिए, इसलिए उन्होंने किसी शादी की जरूरत को महत्त्व नहीं दिया। उनका मुख्य ध्यान राम मंदिर के निर्माण पर था।

इस प्रकार के परिस्थितियों में, शायद कुछ अनुभवों में बदलाव आ सकता है। यह तो लगता ही नहीं कि प्रोफेसर के दर्शाये जा रहे केमिस्ट्री के प्राचार्य को प्रिंसिपल ने क्यों बुलाया होगा। लेकिन, यहां पर कुछ अनिश्चितता है। शायद उस समय प्रोफेसर के लिए कुछ जरूरी कार्य आ गए हों जिनको वो तुरंत अनिवार्यता से पूरा करने के लिए प्रिंसिपल के पास बुलाए गए हों।

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