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भोपाल में हमीदिया के बाहर जूडा ने लगाई ओपीडी,कोलकाता की घटना का विरोध जारी; सेंट्रल डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट की मांग

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भोपाल में हमीदिया अस्पताल के बाहर जूनियर डॉक्टरों (JUDA) ने अपनी ओपीडी (आउट पेशेंट डिपार्टमेंट) लगाई और कोलकाता में हुई घटना के विरोध में प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन मुख्य रूप से डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर किया गया, और उन्होंने सेंट्रल डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट की मांग उठाई।

कोलकाता में हाल ही में एक घटना हुई थी जिसमें डॉक्टरों के साथ दुर्व्यवहार किया गया था, और इसी घटना के विरोध में पूरे देश में डॉक्टरों द्वारा विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। भोपाल के जूनियर डॉक्टरों ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सख्त कानून होना चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

जूनियर डॉक्टरों ने सेंट्रल डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट की मांग की है, जो डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। उनका कहना है कि अगर डॉक्टर सुरक्षित नहीं रहेंगे, तो वे अपने कर्तव्यों का सही ढंग से पालन नहीं कर पाएंगे, जिससे मरीजों की देखभाल भी प्रभावित होगी।

इस विरोध के दौरान, डॉक्टरों ने अपनी ओपीडी बाहर लगाई, ताकि मरीजों को कोई असुविधा न हो और साथ ही वे अपना विरोध भी जारी रख सकें। इस प्रकार के प्रदर्शन से सरकार और संबंधित अधिकारियों पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है ताकि डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकें।

कोलकाता में 8 अगस्त को एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या की घटना के खिलाफ देशभर में डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन जारी है। इस घटना ने मेडिकल समुदाय को हिला कर रख दिया है, और इसके खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में डॉक्टरों ने प्रदर्शन किया है।

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भोपाल में हमीदिया अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों ने इस विरोध के तहत एक अनोखा तरीका अपनाया। उन्होंने अस्पताल की मुख्य बिल्डिंग के बाहर समानांतर ओपीडी (आउट पेशेंट डिपार्टमेंट) लगाई, जहां वे मरीजों को देख रहे हैं। यह कदम उन्होंने इस संदेश के साथ उठाया कि वे अपने पेशेवर कर्तव्यों का पालन करते हुए भी इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना चाहते हैं।

इस विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सख्त कानून की मांग करना है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके। डॉक्टरों ने सरकार से सेंट्रल डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की है, जो डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।

भोपाल के डॉक्टरों का यह प्रदर्शन, कोलकाता की घटना के प्रति उनकी संवेदना और विरोध का प्रतीक है, साथ ही यह भी दर्शाता है कि वे अपने मरीजों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हट रहे हैं।

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