मध्य प्रदेश
भोपाल में सितंबर में 30.2 इंच बारिश का रिकॉर्ड,65 साल पहले 1961 में गिरा था इतना पानी; केरवा, भदभदा-कलियासोत डैम के गेट खुले
भोपाल में इस साल सितंबर में भारी बारिश का रिकॉर्ड बना है। अब तक 30.2 इंच बारिश दर्ज की गई है, जो पिछले 65 सालों में इस महीने में हुई सबसे अधिक बारिश है। इससे पहले 1961 में इतनी ज्यादा बारिश हुई थी।
भोपाल में लगातार हो रही बारिश के कारण शहर के प्रमुख जलाशयों का जलस्तर काफी बढ़ गया है। इसी के चलते केरवा, भदभदा, और कलियासोत डैम के गेट खोल दिए गए हैं ताकि अतिरिक्त पानी को निकाला जा सके। इस बारिश ने शहर में जनजीवन को काफी प्रभावित किया है, जिससे कई इलाकों में जलभराव की समस्या पैदा हो गई है।
इस भारी बारिश ने न केवल शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर पर दबाव डाला है बल्कि सामान्य जनजीवन को भी अस्त-व्यस्त कर दिया है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी और बारिश होने की संभावना जताई है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है।
भोपाल में सितंबर के महीने में सामान्यत: करीब 7 इंच बारिश होने का ट्रेंड है। हालांकि, पिछले 10 में से 5 साल ऐसे रहे हैं, जब सितंबर में इससे अधिक बारिश दर्ज की गई है। 1961 में भोपाल में पूरे सितंबर के महीने में 30.2 इंच बारिश का रिकॉर्ड बना था, जो पिछले 65 सालों में सबसे ज्यादा था।
इस साल भी सितंबर की शुरुआत तेज बारिश से हुई है, जिससे शहर में जलभराव की स्थिति बन गई है। सितंबर के पहले हफ्ते में ही बारिश का स्तर सामान्य से काफी ऊपर जा चुका है, जिससे पुराने रिकॉर्ड तोड़ने की संभावना भी बढ़ गई है। भोपाल के प्रमुख जलाशयों और डैमों में जलस्तर बढ़ने के कारण उनके गेट खोलने पड़े हैं।
मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और भी बारिश होने की संभावना जताई है, जिससे इस साल का सितंबर भी एक रिकॉर्ड तोड़ने वाला साबित हो सकता है। यह स्थिति शहर के नागरिकों के लिए चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि अधिक बारिश से बाढ़ और जलभराव की समस्या गहरा सकती है, जिससे जनजीवन पर गहरा असर पड़ेगा।
भोपाल में तेज बारिश ने यातायात, बिजली और पानी की सप्लाई जैसी बुनियादी सेवाओं पर भी असर डाला है, जिससे लोग परेशान हो रहे हैं। बारिश के कारण स्कूल-कॉलेज बंद होने जैसी स्थिति भी बन सकती है। इसके अलावा, खेती और अन्य व्यवसायों पर भी इसका असर पड़ सकता है।
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