मध्य प्रदेश

भोपाल में जनवरी की रातें 23 साल में सबसे ठंडी,ग्वालियर-चंबल में होगी बारिश..

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मध्यप्रदेश में तीन दिन बाद हाड़ कंपा देने वाली ठंड से कुछ राहत मिल सकती है। हालांकि 22 और 23 जनवरी को ग्वालियर-चंबल संभाग में हल्की बारिश होने के आसार हैं। प्रदेश के बाकी हिस्से में बादल छा सकते हैं। ऐसे में जनवरी के आखिर में कड़ाके की ठंड का तीसरा दौर आ सकता है।

फिलहाल, पूरा प्रदेश कड़ाके की ठंड की जकड़न में है। ग्वालियर-चंबल शीतलहर से कांप रहा है। मध्यप्रदेश में सबसे ठंडा दतिया है। यहां मंगलवार रात का तापमान 2.2 डिग्री रिकॉर्ड हुआ। ग्वालियर में न्यूनतम तापमान 2.3 डिग्री रहा। भोपाल में इस सीजन में जनवरी की रातें 23 साल में सबसे सर्द रहीं। इंदौर में मंगलवार का दिन भी कोल्ड डे के करीब रहा। प्रदेश के 47 जिलों में न्यूनतम पारा 10 डिग्री से कम है। उमरिया, चंबल, रतलाम, राजगढ़, रीवा, सतना, सागर, छतरपुर, टीकगमढ़, निवाड़ी, ग्वालियर और दतिया जिलों में कहीं-कहीं शीतलहर का असर है।

मौसम विभाग के अनुसार, आज चंबल संभाग के साथ ग्वालियर, उमरिया, रतलाम, राजगढ़, रीवा, सतना, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी और दतिया में 16 से 18 घंटे/किमी की रफ्तार से सर्द हवाएं चलेंगी। चंबल संभाग के जिलों में और ग्वालियर, छतरपुर, दतिया में पाला गिर सकता है। फसलों को नुकसान से बचाने के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने खेतों के आसपास लगातार धुआं करने की सलाह किसानों को दी है।

मौसम वैज्ञानिक एचएस पांडे ने बताया कि 18 जनवरी की शाम से वेस्टर्न डिस्टर्बेंस उत्तरी भारत में एक्टिव होगा। इससे हवाओं का रुख बदलेगा और फिर तापमान में बढ़ोतरी होगी। मध्यप्रदेश में 3 दिन बाद इसका असर दिखाई देगा। यानी, तीन दिन तक कड़ाके की ठंड का दौर जारी रहेगा, इसके बाद ही राहत की उम्मीद है। वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण उत्तर-पूर्वी राजस्थान के ऊपर सिस्टम बनेगा। इस कारण 22 और 23 जनवरी को ग्वालियर-चंबल संभाग में हल्की बारिश के आसार बन रहे हैं। बाकी जगहों पर बादल छा सकते हैं।

राजधानी में इस साल जनवरी में सिर्फ एक बार ही रात का पारा 11 डिग्री के पार पहुंच पाया है। वो तारीख थी 13 जनवरी। न्यूनतम पारा 23 साल में पहली बार जनवरी के शुरुआती 16 दिन 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम रहा। 17 दिन में से 15 दिन तक तो रात का तापमान 9 डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर नहीं चढ़ पाया। इससे पहले साल 2011 में न्यूनतम तापमान दो दिन 11 डिग्री सेल्सियस रहा था। इस बार जनवरी में न्यूनतम तापमान 7 और 8 डिग्री के बीच बना रहा। सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात पारा 7.6 डिग्री रहा, जबकि मंगलवार दिन में यह 21.3 डिग्री रिकॉर्ड हुआ।

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प्रदेश में ग्वालियर-चंबल संभाग सबसे ज्यादा ठंडा है। मंगलवार को अंचल के पांच जिले शीतलहर की चपेट में रहे। यहां दो दिन से लगातार रात का पारा 5 डिग्री से नीचे है। मौसम विभाग के अनुसार, अभी दो दिन कड़ाके की सर्दी का सामना करना पड़ेगा। ग्वालियर-चंबल संभाग के कुछ जिले शीतलहर की चपेट में रहेंगे। पश्चिमी विक्षोभ के असर से बादल छाने के कारण 20 जनवरी से तापमान बढ़ेगा। 22 और 23 जनवरी को बूंदाबांदी अंचल के कुछ जिलों में हो सकती है। इससे 25 जनवरी से फिर से कड़ाके की सर्दी का तीसरा दौर आएगा। कोहरा भी छाएगा।

इंदौर में रविवार, सोमवार की तरह मंगलवार का दिन भी सुबह के वक्त काफी सर्द रहा। हवा में सुबह 10 बजे तक चुभन महसूस होती रही। दिन भले ही कोल्ड डे के रूप में नहीं बीता, लेकिन महसूस तो शीतल दिन की तरह ही हो रहा था। पारा 22.6 डिग्री रहा, जो औसत से 4 डिग्री कम रहा। न्यूनतम तापमान लगातार 9 डिग्री से कम रिकॉर्ड हो रहा है। यह सोमवार रात 8.6 डिग्री रहा, जो सामान्य से 1 डिग्री कम रहा। ठंड के तेवर अभी नरम होने के आसार नहीं हैं। खासकर रात का तापमान 8 से 10 डिग्री के बीच ही रहने वाला है। ठंड का दायरा भी लंबा रहने वाला है। शाम 5 बजे से अगले दिन 10 बजे तक ठंड का दबदबा रहता है। 11 से 2 के बीच धूप कुछ महसूस होती है। इसके बाद फिर हवा चलने के साथ ही धूप कमजोर होने लगती है। 20 जनवरी से तापमान में कुछ इजाफा हो सकता। हवा की गति कम होने, हवा की दिशा बदलना इसकी वजह होगी।

मध्यप्रदेश के नौगांव, ग्वालियर रात में सबसे ठंडे हैं। यहां 2 से 2.9 डिग्री तक तापमान है। वहीं, खजुराहो, राजगढ़ में भी पारा 5 डिग्री के नीचे ही चल रहा है। इन जगहों पर दिन के तापमान में भी गिरावट आई है। कई जगह तो पारा 19 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है।

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