उत्तर प्रदेश
‘भारतीय कफ सीरप पीने से 18 बच्चों की मौत’,नोएडा की कंपनी ने साल 2021 में भेजे थे Doc-1 Max टैबलेट और सीरप…
उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत के लिए भारतीय कंपनी की दवा को जिम्मेदार बताया गया है। जिसका उत्पादन यूपी के नोएडा में होता है। ये कंपनी नोएडा के सेक्टर-67 मैरियन बायोटेक है। कंपनी की ओर निर्मित Doc-1 Max टैबलेट और सीरप उज्बेकिस्तान भेजा गया था। उज्बेकिस्तान में बच्चों की मौत का यह मामला उस घटना के बाद आया है। जब अफ्रीकी देश गांबिया में भी ऐसी ही दवा पीने से 66 बच्चों बच्चों की मौत हुई थी।
जांच टीम में शामिल नोएडा के ड्रग इंस्पेक्टर वैभव बाबर ने बताया कि इस दवा की देश भर में सप्लाई नहीं है। इसे एक्सपोर्ट किया गया था। इसका एक स्लॉट मई 2021 में उज्बेकिस्तान भेजा गया था। इस मामले में सेंट्रल ड्रग्स रेग्युलेट्री टीम से जांच के लिए कहा गया। जिसके बाद असिस्टेंट कमिश्नर ड्रग्स (मेरठ डिवीजन) और ड्रग इंस्पेक्टर गौतमबुद्ध नगर की एक टीम को भेजा गया है।
27 दिसंबर को लिए गए सैंपल
इस मामले में नोएडा के टीम ने मैरियन बायोटेक की कंपनी से सीरप के सैंपल लिए। इस सैंपल को सेंट्रल ड्रग्स रेग्युलेट्री को भेज दिया गया है। वहां से इनको लैब भेजा गया है। वहां से रिपोर्ट आने का इंतजार है। रिपोर्ट आने के बाद ही कार्रवाई की जाएगी। तब तक कंपनी पर निगरानी बनी हुई है। इन बच्चों को मैरियन बायोटेक की ओर से निर्मित Doc-1 Max टैबलेट और सीरप दिया गया था।
मई 2021 में उज्बेकिस्तान भेजा गया था सीरप
ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि प्राथमिक जांच में सामने आया कि इस सीरप की सप्लाई भारत में नहीं की जाती है। इस स्लॉट को मई 2021 में सिर्फ उज्बेकिस्तान भेजा गया था। ये भी बताया गया कि वहां इस सीरप का सेवन बच्चों ने बिना डॉक्टर प्रिस्किप्शन के लिया गया था। जिसकी ओवर डोज के चलते बच्चों की मौत हुई।
गांबिया के बाद उज्बेकिस्तान का आरोप
उज्बेकिस्तान की मीडिया के मुताबिक, लैब टेस्ट के दौरान इस कफ सीरप में केमिकल इथाइलीन ग्लाइकॉल पाया गया। इसी केमिकल के पाए जाने के बाद हरियाणा की मेडेन फार्मा के खिलाफ जांच की गई, जिसे गांबिया में 70 बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार बताया गया था। हालांकि, जांच के बाद भारत सरकार ने WHO को बताया कि कंपनी से लिए गए सभी सैंपल जांच में सही पाए गए हैं।
780 स्क्वायर मीटर में बनी है कंपनी
मैरियन बायोटेक लिमिटेड सेक्टर- 67 का आवंटन 5 अक्टूबर 2006 को नोएडा प्राधिकरण से हुआ था। 8 सितंबर 2010 को कंपनी ने फंक्शनल सर्टिफिकेट हासिल किया। यह कंपनी सचिन जैन और जया जैन के नाम रजिस्टर्ड है। इसकी कैटेगरी कॉस्मेटिक परफ्यूम और अदर ब्यूटी प्रोडक्ट्स के नाम से है। अदर कैटेगरी में ड्रग को मेंशन किया गया है। 2009 में बिल्डिंग को कंपलीशन सर्टिफिकेट जारी किया गया था।
कंपनी का बिजनेस प्रोफाइल एक्सपोर्ट मैन्युफैक्चर है। कपंनी को साल जीएमपी, जीएलपी और आईएसओ से 9001: 2008 अप्रूवल मिला है। कंपनी रसिया , एक्स सोवियत रिपब्लिक साउथ ईस्ट एशिया अफ्रीका लेटिन अमेरिका में दवाओं को सप्लाई करता है। कंपनी एंटीवायरल, एंटी कोल्ड मेडिसिन, पेन और फीवर की दवाएं साथ ही एंटीबायोटिक्स की दवाएं बनाती है।
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