धार्मिक ज्ञान/विज्ञान
भगवान महाकाल को मोर पंख और आभूषण अर्पित कर श्री कृष्ण के स्वरूप में श्रृंगार..
बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में बुधवार तड़के 3 बजे मंदिर के कपाट खोलने के पश्चात भगवान महाकाल को जल से स्नान कराया गया। पंडे पुजारियों ने दूध, दही, घी, शहद, फलों के रस से बने पंचामृत से बाबा महाकाल का अभिषेक पूजन किया।
जन्माष्टमी पर्व पर भगवान महाकाल को मोर पंख और आभूषण अर्पित कर श्रीकृष्ण भगवान के स्वरूप में श्रृंगार किया।
भस्म आरती के दौरान महाकाल का भांग, चंदन, सिंदूर और आभूषणों अर्पित किए गए। मस्तक पर चंदन का तिलक और सिर पर शेषनाग का रजत मुकुट धारण कर रजत की मुंडमाला और रजत जड़ी रुद्राक्ष की माला के साथ साथ सुगंधित पुष्प से बनी फूलों की माला अर्पित की गई।
फल और मिष्ठान का भोग लगाया। भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। महा निर्वाणी अखाड़े की और से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गयी।
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