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बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक,हमारी इजाजत बिना तोड़फोड़ न हो; केंद्र बोला- हाथ न बांधें, कोर्ट बोला- आसमान नहीं फट पड़ेगा
सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की तोड़फोड़ बिना कोर्ट की अनुमति के नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि जब तक अदालत की इजाजत नहीं मिलती, तब तक ऐसी कार्रवाई पर रोक लगाई जाए।
केंद्र सरकार ने कोर्ट से कहा कि वे कानून लागू करने वाले अधिकारियों के हाथ न बांधें, क्योंकि तोड़फोड़ के जरिए अवैध निर्माण और अपराधियों के ठिकानों पर कार्रवाई की जा रही है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा, “हमारे निर्देश से आसमान नहीं फट पड़ेगा”, और कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।
इस आदेश से पहले, कई राज्यों में आरोपियों या अवैध निर्माणों के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई की जा रही थी, जो विवादों का विषय बन चुकी थी। कोर्ट के इस निर्देश के बाद अब बिना कानूनी प्रक्रिया के बुलडोजर कार्रवाई नहीं हो सकेगी, जिससे प्रभावितों को कानूनी अधिकारों की सुरक्षा मिलेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 1 अक्टूबर 2024 तक बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है। अदालत ने स्पष्ट किया कि अगली सुनवाई तक देश में किसी भी बुलडोजर कार्रवाई को नहीं किया जाना चाहिए। कोर्ट ने यह कदम बुलडोजर कार्रवाई से संबंधित मामलों की सुनवाई के दौरान उठाया, जहां बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के घरों और संपत्तियों को गिराए जाने के मामले सामने आए थे।
इस फैसले का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी के भी खिलाफ इस प्रकार की कार्रवाई बिना अदालत की अनुमति और उचित प्रक्रिया के न हो। अब, 1 अक्टूबर तक इस तरह की कोई भी कार्रवाई नहीं की जा सकेगी, और यह आदेश देशभर में लागू होगा।
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