छत्तिश्गढ़
बाल दिवस विशेष:सर्वे के लिए दैनिक भास्कर ने छत्तीसगढ़ के स्कूली बच्चों से सवाल तैयार करवाए…
कोरोना के बाद बच्चों ने टीवी देखना लगभग बंद कर दिया है। कोरोना के पहले जो बच्चे टेलीविज़न देखते थे, उनमें से अधिकांशत: अब मोबाइल पर शिफ्ट हो चुके हैं। यहां तक कि छह साल से 11 साल के बच्चे भी मोबाइल पर गेम्स या रील्स में ज्यादा व्यस्त हैं। लोग मानते हैं कि कोरोनाकाल के पहले बच्चे ज्यादा अनुशासित थे, लेकिन बाद के दौर में वे थोड़े जिद्दी और चिड़चिड़े भी हुए हैं। इसका सबसे बड़ा कारण वे मोबाइल को मानते हैं।
दैनिक भास्कर ने पांच स्कूली बच्चों अदिति गुप्ता, नव्या स्वामी, दीपाली केशरवानी, वृक्षा मेघानी और प्रज्ञा एंबेकर से सर्वे के लिए सवाल तैयार करवाए थे। इन्हीं सवालों के साथ बच्चों के बीच सर्वे किया गया।
कोरोना के बाद केवल 1% बच्चे ही टीवी देख रहे हैं, 75% बच्चों का समय मोबाइल पर बीत रहा है
इस सर्वे के नतीजे बताते हैं कि बच्चे मोबाइल के एडिक्ट होते जा रहे हैं। अपने कुल समय का 17 प्रतिशत समय ही पढ़ाई को दे रहे हैं, जबकि मोबाइल को सबसे ज्यादा 75 प्रतिशत दे रहे हैं।
अपनी हॉबी के लिए भी वे 7 प्रतिशत समय ही खर्च कर रहे हैं। सवाल ये उठता हैै कि मोबाइल पर क्या वे पढ़ाई से रिलेटेड कंटेंट देख रहे हैं या नहीं, या अपनी हॉबी से संबंधित चीजें देख रहे हैं या नहीं, तो बड़े बच्चों का तो नहीं कह सकते लेकिन 6 से 11 साल के छोटे बच्चे सबसे ज्यादा समय गेम में बीत रहा है। 42 प्रतिशत बच्चे गेम में और 38 प्रतिशत बच्चे सोशल मीडिया के रील्स देखने में अपना समय बर्बाद कर रहे हैं।
कोरोना का असर…सबके पास फोन
कोरोनाकाल के पहले और बाद में बच्चों के व्यवहार में क्या बदलाव आए हैं, इस प्रश्न पर लोगों का अलग अलग मत है। लोग मानते हैं कि बच्चे अनुशासित नहीं हैं। अग्रेसिव हो गए हैं। कोरोना से पहले ज्यादातर बच्चों के पास फोन नहीं थे, जबकि कोरोना के पास लगभग सभी बच्चों के पास फोन आ गए हैं। दिनभर मोबाइल में व्यस्त रहने के कारण पढ़ने और लिखने में बच्चे कमजोर हो गए हैं, इसका असर भविष्य में दिखेगा। यही नहीं, अब बच्चे मिलना-जुलना भी पसंद नहीं करते।
अकेले रहना पसंद करते हैं। हां, कोरोनाकाल में ये जरूर हुआ कि बच्चे घर के कामों में थोड़ी रुचि लेने लगे। कुकिंग और इस तरह की हॉबीज़ उनमें डेवलप हुई है। बावजूद इसके वे लेजी, केयरलेस, डिसओबेडिएंट, इंडिसिप्लीन और इंट्रोवर्ड हुए हैं।
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