दिल्ली

 दिल्ली कूच को लेकर किसान नेता डल्लेवाल और युवा प्रदर्शनकारियों में हुई आपसी गहमागहमी..

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यह विकृति अवश्य है, किन्तु हमें समाधान ढूंढना चाहिए। अगर हम सहमति की दिशा में आगे बढ़ने का प्रयास करें, तो संवाद और समाधान संभव हैं। आपसी गहमागहमी को हल करने के लिए सभी पक्षों को समझ और सम्मान के साथ काम करना होगा।

दिल्ली कूच करने के लिए किसानों की घोषणा ने सामाजिक और राजनीतिक मायनों में गहरा प्रभाव डाला है। यह इस समस्या को सामाजिक प्लेटफ़ॉर्म पर उठाने का एक तरीका है, जिससे किसानों की मांगों और उनकी समस्याओं को सरकार की ध्यान में लाया जा सके। बातचीत के माध्यम से समाधान की कोशिश करना बेहतर होगा।

किसानों के अधिकारों और मांगों को लेकर चर्चा करने का इस तरह का प्रयास सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर आवाज उठाने का एक माध्यम है। इससे सामाजिक जागरूकता और लोकतांत्रिक विचारधारा को मजबूती मिलती है, लेकिन आपसी गहमागहमी और हिंसा से बचना भी जरूरी है।

यह एक चिंताजनक स्थिति है जो देखने में आयी है। किसान आंदोलन में एकीकृतता और सामंजस्य की आवश्यकता है, और विवादों और विचार-विभाजन से बचना चाहिए। युवा और अनुभवी नेताओं के बीच समझौते की कोशिश की जा रही है, ताकि आंदोलन की मांगों को लेकर एक मजबूत और एकजुट मूवमेंट बना रहे।

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