छत्तिश्गढ़

डिवाइडर घोटाले पर बोले निगम कमिश्नर- खुला चैलेंज कर रहा हूं, मेरी शिकायत कर दें..

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रायपुर नगर निगम के आयुक्त और भाजपा के पार्षदों के बीच जबरदस्त बहस हो गई। सारा बखेड़ा डिवाइडर घोटाले की वजह से खड़ा हुआ। दरअसल गुुरुवार की दोपहर निगम का भाजपा पार्षद दल निगम आयुक्त मयंक चतुर्वेदी से मिलने पहुंचा। तेलीबांधा में बन रहे डिवाइडर के काम को बिना किसी टेंडर के शुरू कराने और आर्थिक अनियमितता के आरोप भाजपा पार्षदों ने लगाए।

निगम की नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने कहा कि बिना आयुक्त की जानकारी के निगम कोई काम नहीं कर सकता। इशारों-इशारों में मीनल चौबे ने आयुक्त से कह दिया कि या तो आपको कुछ पता ही नहीं है या तो अपने चहेतों को काम देने की वजह से ये सब किया जा रहा है।

मीनल चौबे की ये बात सुनने के बाद निगम आयुक्त ने कहा- आप मेरे ही सामने बैठकर मुझ पर ऐसे आरोप मत लगाइए। आपको लगता है मैं गलत हूं तो जाकर शिकायत करिए। मैं खुला चैलेंज कर रहा हूं मेरी शिकायत करिए मेरे अकाउंट्स की डीटेल निकालकर देख लिजिए। जहां शिकायत करनी है करिए। मैं अभी फौरन किसी बात का जवाब नहीं दे सकता, मैं जन प्रतिनिधि नहीं हूं। मैं प्रक्रिया से काम कर सकता हूं। जो प्रक्रिया होगी वैसे ही काम होगा।

नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने दैनिक भास्कर से कहा- तेलीबांधा की सड़क पर डिवाइडर पर सौंदर्यीकरण का काम आधे से अधिक पूरा हो गया है। अब टेंडर बाद में जारी हुआ है, जिसे आपत्ति के बाद निगम निरस्त करने की बात कह रहा है। 2 करोड़ का काम था। जानबूझकर इसे 12 टुकड़ों में जारी किया। हर टुकड़े के काम की कीमत 20 लाख से कम रखी गई, क्योंकि 20 लाख के ऊपर के कामों का टेंडर ऑनलाइन करना होता है। पूरा काम एक ही व्यक्ति को दे दिया गया।

तेलीबांधा डिवाइडर के काम को लेकर बरती गई लापरवाही से साफ है कि इस मामले में गड़बड़ी तो हुई है। मीनल चौबे ने ये भी दावा किया है कि, निगम के पास एनएआई की कोई एनओसी भी नहीं है। मगर आधे से अधिक काम पूरा हो चुका है। अब इस पूरे मामले की शिकायत जांच एजेंसियों से भी की जाएगी। दूसरी तरफ इस काम को रोककर निगम प्रशासन जांच का दावा कर रहा है।

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