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जयराम के आरोपों पर EC बोला- शक का इलाज नहीं,कांग्रेस नेता ने शनिवार को कहा था- शाह ने 150 कलेक्टरों को धमकाया

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सोशल मीडिया ट्रोलिंग पर CEC का बयान

राजीव कुमार ने सोशल मीडिया पर चुनाव आयोग की ट्रोलिंग के बारे में बात करते हुए कहा, “हमें लापता जेंटलमेन कहा गया,” जो कि सोशल मीडिया पर चुनाव आयोग के खिलाफ की जा रही आलोचनाओं और ट्रोलिंग की ओर इशारा करता है। हालांकि, उन्होंने इस बात पर गर्व व्यक्त किया कि इन आलोचनाओं के बावजूद देश में वोटिंग का वर्ल्ड रिकॉर्ड बन गया। उन्होंने कहा कि यह हमारे लोकतंत्र की ताकत है। इसका मतलब है कि भारतीय लोकतंत्र इतनी मजबूत है कि वह इन आलोचनाओं के बावजूद अपनी प्रक्रिया को सफलतापूर्वक संपन्न कर सकता है और जनता का चुनाव प्रक्रिया में विश्वास और भागीदारी अभूतपूर्व स्तर पर है।

चुनाव के बाद होने वाली हिंसा को रोकने के उपाय

मुख्य चुनाव आयुक्त ने पहली बार चुनाव के बाद होने वाली हिंसा को रोकने के लिए उठाए गए विशेष कदमों की भी घोषणा की। इस संदर्भ में, उन्होंने संवेदनशील जगहों पर पैरामिलिट्री फोर्स तैनात रखने का फैसला किया है। यह फोर्स विशेष रूप से उन क्षेत्रों में तैनात की जाएगी जहां चुनाव के बाद हिंसा की घटनाएं होती रही हैं। उन्होंने विशेष रूप से आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसी जगहों का उल्लेख किया, जहां चुनाव के बाद हिंसा की घटनाएं देखने को मिलती हैं।

पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती का उद्देश्य

पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती का मुख्य उद्देश्य चुनाव के बाद की हिंसा को रोकना और कानून-व्यवस्था बनाए रखना है। इन फोर्सेस का काम होगा कि वे संवेदनशील क्षेत्रों में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करें ताकि किसी भी प्रकार की हिंसा या अराजकता को रोका जा सके।

लोकसभा चुनाव परिणाम पर नजर

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने यह भी जोर दिया कि चुनाव आयोग अपने कर्तव्यों को पूरी निष्पक्षता और जिम्मेदारी के साथ निभा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आयोग ने निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि आयोग सभी उम्मीदवारों और दलों के साथ समान व्यवहार करेगा और किसी भी प्रकार की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

इन बयानों और कदमों से यह स्पष्ट होता है कि चुनाव आयोग न केवल चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि चुनाव के बाद भी शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सक्रिय कदम उठा रहा है। यह चुनाव आयोग की विश्वसनीयता और भारतीय लोकतंत्र की मजबूती को दर्शाता है।

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