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कैबिनेट मंत्री की शपथ लेनी थी, राज्यमंत्री की ले ली,एमपी में रामनिवास रावत को दो बार शपथ दिलाई, कांग्रेस से भाजपा में आए

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रामनिवास रावत एक प्रमुख सियासी व्यक्ति हैं, जिन्होंने मध्यप्रदेश राज्य के मंत्रीमंडल में शामिल होने से पहले कांग्रेस पार्टी से भाजपा में शामिल होने का फैसला किया। उन्होंने एमपी में दो बार शपथ ली, पहली बार कांग्रेस के रूप में और दूसरी बार भाजपा के रूप में। इससे समझा जा सकता है कि उन्होंने राज्यमंत्री के पद को दोनों पार्टियों में स्वीकार किया।

रामनिवास रावत ने भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण यात्रा तय की है। उन्होंने पहले कांग्रेस पार्टी में अपना करियर शुरू किया और मध्यप्रदेश राज्य की राजनीति में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने 2018 में मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से चुनाव लड़ा और विधायक बने।

2018 के बाद, मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार बनी और रामनिवास रावत को मुख्यमंत्री कमलनाथ की कैबिनेट में मंत्री मंत्री के रूप में शामिल किया गया। उन्होंने कृषि, पशुपालन, खाद्य सुरक्षा और किसान कल्याण विभाग का मंत्री का पद संभाला।

हालांकि, 2020 में रामनिवास रावत ने अपना फैसला बदला और कांग्रेस पार्टी को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। इसके बाद, मध्यप्रदेश की राजनीति में एक बड़ी उलझन पैदा हुई, क्योंकि वे कांग्रेस सरकार के एक प्रमुख सदस्य से भाजपा की ओर चले गए थे।

रामनिवास रावत ने अपने राजनीतिक सफर में विभिन्न मामलों में मुद्दों को उठाया है और उनका फैसला पार्टी बदलने का राजनीतिक दृष्टिकोण बना। उनके कार्यकाल में कृषि और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में वे मध्यप्रदेश के किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं को अंजाम देने का प्रयास किया।

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रामनिवास रावत की राजनीतिक यात्रा अद्वितीय है, जिसने मध्यप्रदेश की राजनीति में उन्हें महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का मौका दिया। उन्होंने कांग्रेस पार्टी में अपनी शुरुआत की और 2018 में मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में विधायक चुने गए। बाद में, 2020 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। यह उनके राजनीतिक सफर का महत्वपूर्ण पल था, जिसने मध्यप्रदेश की राजनीति में बड़ी हलचल मचा दी।

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