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कारगिल विजय के 25 साल,राजा रामचंद्र की जय’ बोलकर दुश्मन के सामने आए कैप्टन हनीफ; गोली खाई ताकि सटीक लोकेशन मिल सके
कारगिल विजय की 25वीं वर्षगांठ के मौके पर एक अद्भुत कहानी है कैप्टन हनीफ उद्दीन की, जिन्होंने ‘राजा रामचंद्र की जय’ के नारे के साथ दुश्मन के सामने वीरता से लड़ाई की। कैप्टन हनीफ का यह साहसिक कार्य आज भी याद किया जाता है और उनकी वीरता भारतीय सेना की गर्वानुभूति है।
कैप्टन हनीफ उद्दीन की कहानी:
- वीरता का प्रदर्शन:
- कैप्टन हनीफ उद्दीन ने कारगिल युद्ध के दौरान अद्वितीय साहस और वीरता का प्रदर्शन किया। जब दुश्मन की गोलाबारी हो रही थी, तब उन्होंने ‘राजा रामचंद्र की जय’ का नारा लगाकर दुश्मन के सामने आने का साहस किया।
- उनका यह नारा भारतीय सैनिकों के मनोबल को बढ़ाने और दुश्मन को भ्रमित करने के लिए था। उन्होंने अपने प्राणों की परवाह न करते हुए अपने साथी सैनिकों के साथ दुश्मन का सामना किया।
- सटीक लोकेशन का पता लगाने के लिए गोली खाई:
- कैप्टन हनीफ ने दुश्मन की गोलाबारी में अपनी जान की परवाह किए बिना खुद को दुश्मन की नजरों में लाया ताकि उनकी लोकेशन का सटीक पता लगाया जा सके।
- यह बहादुरी और बलिदान इसलिए था ताकि भारतीय सेना दुश्मन की सही स्थिति का पता लगा सके और अपने हमले की योजना बना सके।
- बलिदान और सम्मान:
- कैप्टन हनीफ उद्दीन का यह बलिदान भारतीय सेना के इतिहास में अमर हो गया। उनकी वीरता को सराहा गया और उन्हें मरणोपरांत वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
- उनकी इस साहसिक कहानी ने भारतीय सैनिकों और देशवासियों को गर्वानुभूति और प्रेरणा दी।
कारगिल विजय के 25 साल:
- स्मरण और श्रद्धांजलि:
- कारगिल विजय के 25 साल पूरे होने के अवसर पर पूरे देश में उन वीर जवानों को याद किया जा रहा है जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर देश की सुरक्षा की।
- विभिन्न कार्यक्रमों और स्मृति सभाओं में कैप्टन हनीफ उद्दीन और अन्य वीर जवानों को श्रद्धांजलि दी जा रही है।
- सैनिकों का सम्मान:
- इस अवसर पर भारतीय सेना के साहसी जवानों और उनके बलिदान को सम्मानित किया जा रहा है।
- सेना के इतिहास में इन वीरताओं की कहानियां सदैव जीवित रहेंगी और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी।
कैप्टन हनीफ उद्दीन का साहस और बलिदान कारगिल युद्ध की एक अनमोल कहानी है। उनकी वीरता और बलिदान ने भारतीय सेना को गौरवान्वित किया और देशवासियों को उनकी सेवा और समर्पण का एहसास दिलाया। कारगिल विजय के 25 साल पूरे होने पर उनकी इस कहानी को याद करते हुए हम सभी उन्हें नमन करते हैं और उनकी वीरता को सलाम करते हैं।
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