छत्तिश्गढ़

कांग्रेस नेता की हत्या में इस्तेमाल शूटर्स की कार मिली..

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छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में दिनदहाड़े कांग्रेस नेता पर जिस तरह से फिल्मी अंदाज में ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया है, उससे सकरी पुलिस की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में है। दैनिक भास्कर ने इस सबसे बिजी रोड पर हुई सनसनीखेज वारदात की पड़ताल की, जिसमें पता चला है कि संजू त्रिपाठी की कार के सामने पहले कार अड़ाकर उसे रोका गया। फिर पीछे से दूसरी कार में आए हमलावरों ने दनादन फायरिंग शुरू कर दी।

महज पांच मिनट के भीतर हमलावरों इस वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए। घटनास्थल पर आठ बार फायरिंग के सबूत मिले है, जिसमें से एक गोली मिस फायर भी हुई थी। इधर, घटना के 12 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली है। इस मर्डर केस के पीछे सुपारी किलिंग की आशंका जताई जा रही है। वहीं, प्रारंभिक जांच में पुलिस को उसके छोटे भाई कपिल त्रिपाठी पर शक है।

दैनिक भास्कर ने इस घटना के बाद प्रत्यक्षदर्शियों के साथ ही कांग्रेस नेता संजू त्रिपाठी के परिचितों से भी बातचीत की। उन्होंने बताया कि घटना करीब 4.15 बजे की है। सकरी बाइपास चौक में एक सफेद रंग की कार आकर रूकी। इसके पीछे संजू त्रिपाठी की एमजी हेक्टर कार आई, जिसे सफेद कार ने लेफ्ट साइड से ओवरटेक किया और सामने ले जाकर चकमा देने के लिए अचानक बंद कर दिया। संजू की गाड़ी की स्पीड ब्रेकर में कम हुई थी।

सामने कार देखकर उसने अपनी गाड़ी रोक दी। कुछ ही देर में उसके पीछे दूसरी कार आई, जिसमें से तीन से चार लोग उतरे और दोनों तरफ से संजू की कार में फायरिंग शुरू कर दी। वारदात के बाद सामने खड़ी कार बिलासपुर और पीछे वाली कार में सवार होकर हमलावर पेंड्रीडीह बाइपास की ओर भाग निकले। इस वारदार में संजू के कमर में एक गोली और तीन गोली सिर में लगी और मौके पर ही वह ढेर हो गया।

पहले रेकी फिर वारदात को दिया अंजाम
जिस तरीके से हमलावरों ने वारदात को अंजाम दिया है। इससे आशंका जताई जा रही है कि पिछले कुछ दिनों से हमलावर संजू की रेकी कर रहे थे और मौके की तलाश में थे। यह भी माना जा रहा है कि हमलावर संजू का पीछा कर रहे थे।

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कार के बॉडी में धंस गई गोली
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार संजू का पीछा करते आ रहे कार में हमलावर युवक सवार थे। जैसे ही उन्होंने देखा कि संजू की कार सामने आकर खड़ी हो गई है। पीछे की गाड़ी से दोनों तरफ से हमलावर उतरे और फायरिंग शुरू कर दी। इस बीच एक गोली ड्राइवर सीट तरफ कार के बॉडी में जा धंसी। जिस तरीके से संजू पर हमला किया गया है। इससे तय है कि उसे दोनों तरफ से घेरकर निशाना बनाया गया है।

संजू को संभलने का नहीं दिया मौका
संजू त्रिपाठी खुद हिस्ट्रीशिटर था। इससे जाहिर है कि इस घटना से वह बेखौफ था। उसे अंदाजा भी नहीं था कि इस तरह उसकी हत्या की जा सकती है। अगर वारदात के समय उसे जरा भी संभलने का मौका मिलता और भनक लगती कि हमलावर उसका पीछा कर रहे हैं या फिर जानबूझकर उसके सामने कार अड़ाकर रोका गया है तो वह कार को ठोंकते हुए अपनी जान बचाकर भाग सकता था। लेकिन, हमलावरों ने उसे कोई मौका नहीं दिया।

छोटे भाई पर ही संदेह, जमीन विवाद और कारोबार में हस्तक्षेप है वजह
संजू की हत्या के मामले में पुलिस को उसके ही छोटे भाई कपिल त्रिपाठी पर शक है। दोनों के बीच में काफी दिनों से जमीन के साथ ही कारोबार में हस्तक्षेप को लेकर विवाद चल रहा था। संजू विवादित जमीन खरीद-बिक्री का काम करता था। इसके साथ ही वह ब्याज में पैसे देता था। उसका भाई कपिल उसके काम में हस्तक्षेप करने लगा था और संजू से जुड़े कारोबारियों को संरक्षण दे रहा था। संजू के नाम से लोगों में दहशत थी, जिसे कपिल खत्म करने कर अपना सिक्का चलाने की कोशिश करता था। दोनों भाइयों के बीच मनमुटाव शुरू हो गया। संजू और उसके पिता जयनारायण त्रिपाठी के साथ भी विवाद चल रहा था। करीब सात माह पहले संजू ने समझौता करने के नाम पर अपने पिता जयनारायण और भाई को घर बुलाया था, तब उसने कपिल पर हमला कर दिया था।

प्रोफेशनल शूटर्स, सुपारी किलिंग की आशंका
कार सवार हमलावरों ने जिस अंदाज में संजू के ऊपर ताबड़तोड़ फायरिंग की है। इससे पुलिस को शक है कि वारदात को बाहरी और प्रोफेशनल शूटर्स का हाथ है, जिन्होंने एक सटिक निशाना लगाकर उसे मारा है। पुलिस को यह भी शक है कि सुपारी देकर संजू की हत्या कराई गई है।

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