फिल्म जगत

इटली से आता है ‘जेठालाल’ के कॉस्ट्यूम्स का फैब्रिक.टीवी शोज में सिर्फ कपड़ों पर खर्च होते हैं करोड़ों, सेट पर होते हैं हजारों कपड़े

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हम अक्सर इंडियन टेलीविजन सीरियल्स की भव्यता की बात करते हैं। महंगे सेट, फेमस स्टारकास्ट, एंगेजिंग स्क्रिप्ट और भारी-भरकम कॉस्ट्यूम्स। शो का ज्यादातर बजट कॉस्ट्यूम्स पर खर्च किया जाता है।

शो में एक्टर्स कपड़े क्या पहनेंगे, इसका फैसला शो के डायरेक्टर, क्रिएटिव डायरेक्टर और चैनल से जुड़े लोग करते हैं। वे इसके लिए कॉस्ट्यूम डिजाइनर हायर करते हैं। कॉस्ट्यूम डिजाइनर ऑन बोर्ड होते हैं, फिर उन्हें शो के कैरेक्टर्स के बारे में एक ब्रीफ दिया जाता है। उसी ब्रीफ के हिसाब से कॉस्ट्यूम डिजाइनर हर कैरेक्टर के लिए कपड़े तैयार करते हैं।

इस हफ्ते के रील टु रियल में हमने टीवी सीरियल्स में कॉस्ट्यूम सिलेक्शन, चैलेंजेस, बजट और डिजाइनर के रोल के बारे में बात की। इसके लिए हम सीरियल ‘कृष्णा मोहिनी’ के सेट सहित कई लोकेशंस पर पहुंचे। वहां मौजूद कॉस्ट्यूम डिजाइनर पार्थो घोषाल ने हमें कुछ दिलचस्प बातें बताईं। पार्थो ने कहा कि अमूमन एक टीवी शो में कॉस्ट्यूम्स पर हर महीने 10 लाख रुपए से ज्यादा खर्च किए जाते हैं। चूंकि शोज लंबे चलते हैं, इसलिए इनका बजट करोड़ों में चला जाता है।

इसके अलावा टीवी के फेमस कैरेक्टर जेठालाल (दिलीप जोशी) के कपड़े डिजाइन करने वाले कॉस्ट्यूम डिजाइनर जीतू लखानी से भी बात की। उन्होंने बताया कि स्क्रीन पर साधारण से दिखने वाले जेठालाल के कपड़ों का रॉ मटेरियल इटली से मंगाया जाता है। लोग ऑर्डर देकर भी जेठालाल जैसे कपड़े बनवाते हैं।

16 साल में कभी रिपीट नहीं हुए ‘जेठालाल’ के कपड़े
हम मुंबई के बोरिवली में डिजाइनर जीतू लखानी के स्टोर पहुंचे। यहां तारक मेहता का उल्टा चश्मा के मशहूर कैरेक्टर जेठालाल के कपड़े डिजाइन होते हैं। जीतू लखानी तकरीबन 16 साल से जेठालाल यानी दिलीप जोशी के लिए कपड़े बना रहे हैं। इन 16 सालों में जेठालाल के एक भी कपड़े रिपीट नहीं हुए हैं। देखने में वो कपड़े साधारण लगते हैं, लेकिन इसका फैब्रिक इटली से मंगाया जाता है।

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जीतू लखानी के छोटे भाई रोहित लखानी ने कहा कि उनके पास देश-विदेश से लोग कॉल करके जेठालाल जैसा कपड़ा बनाने का ऑर्डर देते हैं।

सेट पर हजारों कपड़े रखे होते हैं
पार्थो घोषाल ने बताया कि कॉस्ट्यूम डिजाइनर को कपड़े बनाने के लिए बहुत कम वक्त मिलता है। कभी-कभी तो सिर्फ एक दिन में कपड़े तैयार करने के लिए बोल दिया जाता है। पार्थो हमें एक कमरे में ले गए। वहां तकरीबन 3 हजार कपड़े रखे हुए थे। उन्होंने बताया कि ये सारे कपड़े एक्टर्स के पहनने के लिए रखे गए हैं। कपड़ों के अलावा जूते और ज्वेलरी भी रखी हुई थीं। शूटिंग के समय यहीं से कपड़े और जूते निकालकर आर्टिस्ट तक पहुंचाए जाते हैं।

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