छत्तिश्गढ़

आज शाम से एकादशी, कल जागेंगे देव ,तुलसी विवाह के साथ ही खत्म होगा चातुर्मास, शुरू होंगे मांगलिक काम..

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देवउठनी एकादशी 4 नवंबर को ही मनाई जाएगी। इस दिन भगवान का चातुर्मास समाप्त होगा और देव जागेंगे। पंडितों के अनुसार इस बार एकादशी के दिन 4 नवंबर को सूर्य की स्थिति विवाह कार्य के लिए उचित नहीं होने के कारण फेरे नहीं पड़ेंगे। तुलसी विवाह 5 नवंबर को है। इसी अबूझ मुहूर्त में विवाह और मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी। एकादशी 3 नवंबर की शाम से शुरू हो जाएगी, दूसरे दिन उदया तिथि में एकादशी होगी तथा 4 नवंबर की शाम तक रहेगी।

देवउठनी एकादशी पर पिछले चार माह से सोए हुए देव जाग जाएंगे। इस बार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी 4 नवंबर को है। इसे देवोत्थान एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन चातुर्मास का समापन हो जाएगा । इसी के साथ विवाह और मांगलिक कार्यों की शुरूआत हो जाएगी।

देवउठनी एकादशी 2022 का शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारंभ – 3 नवंबर को शाम 7 बजकर 30 मिनट से शुरू
एकादशी तिथि समाप्त – 4 नवम्बर को शाम 6 बजकर 8 मिनट तक
पारणा का समय- 5 नवंबर को सुबह 6 बजकर 36 मिनट से 8 बजकर 47 मिनट तक

नवंबर में शादी के चार ही शुभ मुहूर्त
देवउठनी एकादशी के दौरान सूर्य वृश्चिक राशि में न होने के कारण इस दिन विवाह का कोई मुहूर्त नहीं है। किंतु नवंबर माह में शादी के मात्र चार ही शुभ मुहूर्त हैं, जब वैवाहिक कार्य संपन्न होंगे। इसके बाद दिसंबर में शादी के कुल पांच मुहूर्त हैं। नवंबर में शादी के मुहूर्त 21, 24, 25 और 27 हैं। दिसंबर में शादी के मुहूर्त 2, 7, 8, 9 और 14 तारीख को हैं। 21 नवंबर को शादी का पहला मुहूर्त है।

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