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विद्यालयों में बच्चों का ड्राप आउट कम करने कार्यशाला,सीएम मोहन बोले, सत्ता से बड़ी कुर्सी, कुर्सी से बड़ी शिक्षा और शिक्षा से सुधरता है व्यक्ति का जवीन
मुख्यमंत्री मोहन ने विद्यालयों में बच्चों का ड्रॉप आउट कम करने के उद्देश्य से आयोजित कार्यशाला में महत्वपूर्ण विचार साझा किए। उन्होंने इस अवसर पर शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि सत्ता से बड़ी कुर्सी होती है, लेकिन कुर्सी से बड़ी शिक्षा होती है, क्योंकि शिक्षा ही व्यक्ति के जीवन को सुधारती है।
मुख्य बिंदु:
- कार्यशाला का उद्देश्य:
- इस कार्यशाला का आयोजन विद्यालयों में बच्चों का ड्रॉप आउट कम करने के उद्देश्य से किया गया था।
- इसमें शिक्षा क्षेत्र से जुड़े विभिन्न विशेषज्ञों, शिक्षकों और सरकारी अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
- मुख्यमंत्री का संबोधन:
- मुख्यमंत्री मोहन ने अपने संबोधन में शिक्षा के महत्व पर जोर दिया।
- उन्होंने कहा कि सत्ता से बड़ी कुर्सी होती है, लेकिन कुर्सी से बड़ी शिक्षा होती है। शिक्षा ही व्यक्ति के जीवन को सुधारती है।
- शिक्षा के फायदे:
- शिक्षा व्यक्ति को न केवल ज्ञान प्रदान करती है, बल्कि उसे समाज में सम्मान और सफलता भी दिलाती है।
- शिक्षित व्यक्ति अपने जीवन में बेहतर फैसले ले सकता है और समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
- ड्रॉप आउट कम करने के उपाय:
- कार्यशाला में बच्चों का ड्रॉप आउट कम करने के विभिन्न उपायों पर चर्चा की गई।
- इसके अंतर्गत बेहतर शिक्षा सुविधाएं, विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक कार्यक्रम, और शिक्षकों का प्रशिक्षण शामिल है।
- समाज की भूमिका:
- मुख्यमंत्री मोहन ने समाज की भूमिका पर भी जोर दिया।
- उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों को मिलकर शिक्षा के प्रसार में सहयोग करना चाहिए ताकि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।
निष्कर्ष:
मुख्यमंत्री मोहन ने विद्यालयों में बच्चों का ड्रॉप आउट कम करने के लिए आयोजित कार्यशाला में शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया और समाज से मिलकर इस दिशा में काम करने का आह्वान किया। उनके विचारों से प्रेरित होकर, शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और बच्चों का ड्रॉप आउट कम करने के लिए सभी संबंधित पक्षों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
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