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राहुल गांधी या लालू यादव नाम होने पर चुनाव से रोक नहीं सकते, सुप्रीम कोर्ट ने आखिर क्यों की यह टिप्पणी?

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माता-पिता को अपने बच्चों के नाम राहुल गांधी या लालू यादव रखने से नहीं रोक सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को यह टिप्पणी करते हुए एक जनहित याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। इस याचिका के माध्यम से अनुरोध किया गया था कि सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग को हम नाम वाले उम्मीदवारों पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दें।

 माता-पिता को अपने बच्चों के नाम राहुल गांधी या लालू यादव रखने से नहीं रोक सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को यह टिप्पणी करते हुए एक जनहित याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। दरअसल, एक जैसे नाम वाले उम्मीदवारों पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी।

इस याचिका के माध्यम से अनुरोध किया गया था कि सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग को हम नाम वाले उम्मीदवारों पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दें। हालांकि, कोर्ट ने यह टिप्पणी करते हुए सुनवाई से इनकार कर दिया कि हम माता-पिता को अपने बच्चों के नाम राहुल गांधी या लालू यादव रखने से नहीं रोक सकते हैं।

ला ट्रेंड की रिपोर्ट के मुताबिक, साबू स्टीफन नामक व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि राजनीतिक हस्तियों के साथ नाम साझा करने वाले डमी (हम नाम) उम्मीदवार अक्सर वोटर्स को कन्फ्यूज करने के इरादे से चुनावी मैदान में उतरते हैं, जिसकी वजह से संभावित परिणाम प्रभावित होते हैं। याचिका में याचिकाकर्ता ने ऐसे उदाहरणों पर जोर डाला जहां मुख्य नेता ऐसे भ्रम की वजह से मामूली अंतर से चुनाव गंवा बैठे।

जस्टिस बीआर गवई, एससी शर्मा और संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि लोगों को महज इसलिए चुनाव लड़ने से मना नहीं किया जा सकता है, क्योंकि उनके माता पिता ने उन्हें एक जैसे नाम दे दिए हैं। 

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