Connect with us

देश

मोदी सबसे ज्यादा चीन जाने वाले PM,10 साल में 66 देश गए, अचानक पाकिस्तान पहुंचे,इस बार पहले दौरे पर इटली क्यों जा रहे

Published

on

मोदी सबसे ज्यादा चीन जाने वाले PM,10 साल में 66 देश गए, अचानक पाकिस्तान पहुंचे,इस बार पहले दौरे पर इटली क्यों जा रहे February 17, 2025

मुझे खुशी है कि कार्यकाल के पहले दौरे पर मैं इटली जा रहा हूं।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 जून को ये बात G7 समिट में रवाना होने से पहले कही। अपने पिछले 2 कार्यकाल में प्रधानमंत्री ने पहले दौरे के लिए हमेशा अपने पड़ोसी देशों को ही चुना था। 2014 में जब वे पहली बार प्रधानमंत्री बने तो विदेश दौरे पर नेपाल गए। दूसरी बार प्रधानमंत्री बने तो मालदीव गए।

इस बार उन्होंने पश्चिम के देश इटली को चुना। ‘नेबरहुड फर्स्ट’ यानी पड़ोसी पहले वाली पॉलिसी पर चलने वाले प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसा क्यों किया।

चाहे 2015 में पाकिस्तान जाकर या 2019 में शी जिनपिंग को भारत बुलाकर मोदी ने अपने हर कार्यकाल में अपनी विदेश नीति से देश को हैरान किया है।

पूर्व राजदूत अशोक सज्जनहार के मुताबिक 2014 में जब नरेंद्र मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने तो ये माना जा रहा था कि विदेश नीति उनकी सत्ता की सबसे कमजोर कड़ी होगी। हालांकि, ऐसा नहीं हुआ। नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी और रूस-यूक्रेन जंग में सरकार के मजबूत स्टैंड ने मोदी को विदेश मामले में भी बेहतर नेता साबित किया।

Advertisement

2014 में शपथ लेने के बाद वो नेपाल के दौरे पर गए। पड़ोसी देश होने के बावजूद यहां 17 साल से कोई भारतीय PM नहीं गया था। मोदी ने गल्फ देशों के साथ भी रिश्तों को मजबूत किया। वे 30 साल बाद UAE जाने वाले भारतीय प्रधानमंत्री हुए।

मोदी अपने पहले कार्यकाल में 5 बार चीन गए। वे सबसे ज्यादा बार चीन जाने वाले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। इसके बावजूद चीन ने 2020 में गलवान में घुसपैठ कर दोनों देशों के रिश्ते खराब किए। हालांकि, सज्जनहार का मानना है कि इसे मोदी की विदेश नीति की नाकामी नहीं कहा जा सकता है। ये चीन की तरफ से की गई गलती है।

विदेश मामलों के जानकार प्रोफेसर राजन कुमार कहते हैं कि इटली को चुनने की सबसे बड़ी वजह G7 समिट है। भारत लगातार इस ब्लॉक की बैठक में शामिल होता आ रहा है। इस बार G7 इटली में हो रहा है। इसलिए मोदी वहां जा रहे हैं।

G7 ऐसा मंच है जहां से भारत को अपनी बात दुनिया के सबसे अमीर और विकसित देशों के सामने रखने का मौका मिलता है। ऐसे में वहां जाना भारत की विदेश नीति के लिए अहम है। ये एक बड़ी वजह है कि मोदी बहुमत साबित करने से पहले ही इटली का दौरा कर रहे हैं।

दुनिया भर में भारत के बढ़ते कद और मुखर विदेश नीति को मोदी सरकार की प्रमुख उपलब्धियों के रूप में देखा गया है। हालांकि, हाल के कुछ सालों में भारत के चीन के साथ संबंध तनाव भरे रहे हैं। इसकी शुरुआत गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई मुठभेड़ से हुई। इसमें 20 भारतीय और 4 चीनी सैनिक मारे गए थे। पिछले महीने PM मोदी ने चीन के साथ संबंधों पर चुप्पी तोड़ी थी। उन्होंने कहा था कि सीमाओं पर दोनों देशों के बीच लंबे समय से चल रही स्थिति को तुरंत सुलझाने की जरूरत है।

Advertisement

भारत के कनाडा के साथ भी तनाव भरे संबंध चल रहे हैं। कनाडा ने खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का इल्जाम भारत सरकार पर लगाया था। इसके बाद अमेरिका ने भी भारतीय अधिकारियों पर सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिश का आरोप लगाया। दोनों ही मामलों मे जांच चल रही हैं। इससे देश की छवि को नुकसान पहुंचा है।

Continue Reading
Advertisement
Click to comment

You must be logged in to post a comment Login

Leave a Reply