मध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश की 5642 अवैध कॉलोनी 1 मई से होंगी वैध,कमजोर रहवासियों को विकास शुल्क में 80% छूट

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मप्र में बनीं 5642 अवैध कॉलोनियां एक मई 2023 से वैध होनी शुरू हो जाएंगी। इन्हें बिल्डिंग परमिशन मिलने लगेगी। इससे यहां रहने वाले रहवासी बिजली व नल कनेक्शन के साथ अन्य अधिकारों के लिए पात्र हो जाएंगे। इसके अलावा सरकार अवैध काॅलोनी को वैध करने के नियम सरल करने जा रही है। इसमें प्रति वर्गफीट के हिसाब से विकास शुल्क तय किया जाएगा।

निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए विकास शुल्क में 80% की छूट होगी। कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में मंगलवार को नगरीय आवास एवं पर्यावरण विभाग ने इसका प्रारूप मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने रखा। सीएम ने अफसरों से दो टूक कहा कि अब किसी भी सूरत में कहीं भी कोई अवैध कॉलोनी नहीं बनना चाहिए। अवैध को वैध करने का काम जल्द से जल्द पूरा करें, वैध करने के लिए नियमों को सरल करें।

यह भी बदलाव

पहले विकास शुल्क के लिए प्रावधान था कि किसी कॉलोनी में 70 प्रतिशत लोग ईडब्ल्यूएस हैं तो पूरी कॉलोनी काे विकास शुल्क में 80% की छूट मिलती थी। अब इसे व्यक्तिगत किया जा रहा है। यानी कोई व्यक्ति भी ईडब्ल्यूएस है तो उसे 80% की छूट मिलेगी।

जब बिल्डिंग परमिशन, तब लगेगा शुल्क

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एक प्रावधान और जोड़ा गया है कि व्यक्ति जब मकान बेचने के लिए बिल्डिंग परमिशन लेने जाएगा, तभी उससे विकास शुल्क लिया जाएगा। उससे पहले नहीं। ले-आउट प्रारूप मंजूर होने के बाद कॉलोनी में होने वाले विकास और बिजली-नल कनेक्शन का वह बिना शुल्क के ही उपयोग कर लेगा।

टाइमलाइन तय- 2016 तक की अवैध कॉलोनियों को ही होगा फायदा

  • विभाग ने अवैध कॉलोनी को वैध करने की टाइमलाइन भी तय कर दी है। 31 दिसंबर 2016 तक कुल 5642 कॉलोनियां अवैध पाई गई हैं, इन्हें ही वैध किया जाएगा।
  • इसमें नगर निगम क्षेत्रों की 2328 में से 1954 और पालिका-परिषद की 3688 में से 3866 पात्र हैं। इनकी अंतिम सूची का प्रकाशन 15 फरवरी 2023 को होगा।
  • मार्च में ले-आउट ड्रॉफ्ट पर दावे-आपत्ति बुलाई जाएगी और एक मई 2023 से बिल्डिंग परमिशन मिलना शुरू हो जाएगी। यहां बता दें कि अभी तक 579 अवैध कॉलोनियों को मंजूरी दी जा चुकी है।

नगर निगमों में इतनी काॅलाेनी हाेंगी वैध

  • ग्वालियर 429
  • भोपाल 321
  • मुरैना 30
  • इंदौर 196
  • कटनी 91
  • सतना 138
  • छिंदवाड़ा 92
  • रीवा 18
  • सिंगरौली 17
  • उज्जैन 34
  • रतलाम 57
  • देवास 114
  • सागर 68
  • जबलपुर 224

सीएम ने कलेक्टर-कमिश्नर से कहा कि विकास यात्रा में ध्यान रखें कि यह भाषण यात्रा बनकर न रह जाए। अधिकारी खुद जाएं और लोगों को भी इससे जोड़ें। यह यात्रा बहुउद्देश्यीय होना चाहिए। कई बार प्रगति की बात तो होती है लेकिन काम उस गति से नहीं होता। ‘पेसा’ को ही देखिए, जिस भावना से उसे लागू किया गया है, वह जमीनी स्तर पर ठोस तरीके से नहीं उतर रही। सीएम ने अनूपपुर और आलीराजपुर कलेक्टर की पेसा को लेकर प्रगति पर नाराजगी जाहिर की। सीएम ने कहा कि दो दिन पहले अनूपपुर गया था। वहां की स्थिति देखी तो असलियत सामने आई, इसीलिए तुरंत कलेक्टर हटा दिए।

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