छत्तिश्गढ़

पहले मुख्यमंत्री ने फटे कुर्ते में ली थी शपथ..

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शपथ ग्रहण में जैसे-तैसे पहुंचा था जोगी का परिवार बरसात में टपकती रही CM हाउस की छत

साल था 2000 जब मध्यप्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ अलग राज्य बना था। वह तारीख थी 1 नवंबर। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के साथ पहले मुख्यमंत्री के चयन और सरकार के पहले दिन के कामकाज के किस्से भी दिलचस्प हैं। छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने फटे कुर्ते में शपथ ली थी। शपथ ग्रहण समारोह में जोगी परिवार ही पीछे छूट गया। समारोह शुरू होने से चार-मिनट पहले जैसे-तैसे वे लोग वहां पहुंच पाये।

दिवंगत अजीत जोगी के बेटे और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने बताया, वह 31 अक्टूबर का दिन था। तय हुआ था कि उस दिन आधी रात के बाद जैसे ही एक नवंबर होगा नई सरकार अस्तित्व में आएगी। उसी समय पर मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह होना है। बड़े असमंजस की स्थिति थी। लोगों को समझ में नहीं आ रहा था कि कौन राज्य का मुख्यमंत्री बनेगा।

अमित जोगी ने आगे बताया कि फिर अंत में तय हुआ कि छत्तीसगढ़ का पहला मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य मेरे पिताजी को दिया जाएगा। तब तक शपथ ग्रहण समारोह में बहुत कम समय बचा था। ऐसे में मेरे पिताजी और उनके मुख्य सहयोगी सभी शपथ ग्रहण के लिए चले गए। मैं और मेरी मां यहां पीकेडली होटल में रुके थे। हमें किसी ने पूछा भी नहीं। हमारे पारिवारिक मित्र थे समीर दुबे, उनके पास एक मारुति 800 कार थी। उसी में उनका पूरा परिवार और हम लोग मिलाकर करीब 7-8 लोग किसी तरह बैठकर पुलिस लाइन पहुंचे।

वहां पुलिस वालों ने रोक दिया। कोई किसी को पहचान तो रहा नहीं था। काफी देर तक उनको परिचय देकर समझाना पड़ा। इस बीच डोंगरगढ़ से विधायक गीता देवी सिंह वहां पहुंचीं और उनके साथ समारोह से केवल चार-पांच मिनट पहले सभी लोग वहां पहुंच पाये। अजीत जाेगी की पत्नी डॉ. रेणु जोगी को याद है कि 31 अक्टूबर की सुबह जब अजीत जाेगी बैठक के लिए जा रहे थे तो उन्होंने देखा कि उनके कुर्ते में जेब के पास फटा हुआ है। उन्होंने कहा, कुर्ता बदल लीजिए लेकिन उन्होंने कहा, जाने दो कुर्ता कौन देखता है। वे वैसे ही चले गए। आनन-फानन में मुख्यमंत्री चुन लिए गए और उसी कुर्ते में उन्होंने शपथ भी ले लिया।

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