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परमवीरों के नाम पर अंडमान-निकोबार के 21 द्वीप..

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अंडमान-निकोबार के 21 द्वीपों को सोमवार को देश के परमवीरों यानी परमवीर चक्र विजेताओं का नाम मिल गया। इनमें भारत-चीन जंग में पैर से मशीनगन चलाने वाले मेजर शैतान सिंह, कारगिल जंग के हीरो कैप्टन विक्रम बत्रा और मनोज कुमार पांडेय के नाम पर द्वीपों के नाम रखे गए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस प्रोग्राम से जुड़े। PM मोदी ने कहा- अंडमान की धरती पर ही सबसे पहले तिरंगा लहराया गया था। आजाद भारत की पहली सरकार यहीं बनी थी। आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्मदिवस भी है। इस दिन को हम पराक्रम दिवस के तौर पर मना रहे हैं।

इन 21 द्वीपों के नाम परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर…
1. INAN 198- नायक जदुनाथ सिंह (भारत-पाक युद्ध 1947)
2. INAN 474- मेजर राम राघोबा राणे (भारत-पाक युद्ध 1947)
3. INAN 308- ऑनरेरी कैप्टन करम सिंह (भारत-पाक युद्ध 1947)
4. INAN 370- मेजर सोमनाथ शर्मा (भारत-पाक युद्ध 1947)
5. INAN 414- सूबेदार जोगिंदर सिंह (भारत-चीन युद्ध 1962)
6. INAN 646- लेफ्टिनेंट कर्नल धन सिंह थापा (भारत-चीन युद्ध 1962)
7. INAN 419- कैप्टन गुरबचन सिंह (भारत-चीन युद्ध 1962)
8. INAN 374- कम्पनी हवलदार मेजर पीरू सिंह (भारत-पाक युद्ध 1947)
9. INAN 376- लांस नायक अलबर्ट एक्का (भारत-पाक युद्ध 1971)
10. INAN 565- लेफ्टिनेंट कर्नल अर्देशिर तारापोर (भारत-चीन युद्ध 1962)

11. INAN 571- हवलदार अब्दुल हमीद हवलदार अब्दुल हमीद (भारत-पाक युद्ध 1965)
12. INAN 255- मेजर शैतान सिंह (भारत-चीन युद्ध 1962)
13. INAN 421- मेजर रामास्वामी परमेश्वरन (श्रीलंका में भारतीय शांति सेना के शहीद 1987)
14. INAN 377- फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों (भारत-पाक युद्ध 1971)
15. INAN 297- सेकेंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल (भारत-पाक युद्ध 1971)
16. INAN 287- मेजर होशियार सिंह (भारत-पाक युद्ध 1971)
17. INAN 306- कैप्टन मनोज पांडेय (कारगिल युद्ध 1999)
18. INAN 417- कैप्टन विक्रम बत्रा (कारगिल युद्ध 1999)
19. INAN 293- नायक सूबेदार बाना सिंह (सियाचिन में पाकिस्तान से पोस्ट छीनी 1987)
20. INAN 193- कैप्टन योगेंद्र सिंह यादव (कारगिल युद्ध 1999)
21. INAN 536- सूबेदार मेजर संजय कुमार (कारगिल युद्ध 1999)

विक्रम बत्रा साल 1999 के करगिल युद्ध के दौरान 13 जम्मू-कश्मीर राइफल्स में तैनात थे। तब विक्रम के नेतृत्व में टुकड़ी ने हम्प और राकी नाब स्थानों को जीता और इसीलिए उन्हें कैप्टन बना दिया गया था। उन्होंने श्रीनगर-लेह मार्ग के ठीक ऊपर 5140 पॉइंट को पाक सेना से मुक्त कराया। बेहद दुर्गम क्षेत्र होने के बाद भी कैप्टन बत्रा ने 20 जून 1999 को सुबह तीन बजकर 30 मिनट पर इस चोटी को कब्जे में लिया। कैप्टन बत्रा ने जब रेडियो पर कहा- ‘यह दिल मांगे मोर’ तो पूरे देश में उनका नाम छा गया।

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इसके बाद 4875 पॉइंट पर कब्जे का मिशन शुरू हुआ। तब आमने-सामने की लड़ाई में पांच दुश्मन सैनिकों को मार गिराया। गंभीर जख्मी होने के बाद भी उन्होंने दुश्मन की ओर ग्रेनेड फेंके। इस ऑपरेशन में विक्रम शहीद हो गए, लेकिन भारतीय सेना को मुश्किल हालातों में जीत दिलाई।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “देश की आजादी के लिए लड़ने वाले वीर सावरकर और कई अन्य सेनानी अंडमान की धरती पर आए। जब मैं 4-5 साल पहले यहां आया था, तब मैंने 3 मुख्य द्वीपों को भारतीय नाम दिए थे। 21 द्वीपों के नाम आज बदले गए हैं। इसमें कई संदेश छिपे हैं। सबसे बड़ा संदेश है एक भारत-श्रेष्ठ भारत। यह हमारी सेनाओं की बहादुरी का संदेश है।’

इन 21 परमवीरों के लिए एक ही नारा था…देश पहले, कंट्री फर्स्ट। आज 21 द्वीपों का नाम उनके नाम पर रखने से उनका यह निश्चय अमर हो गए है। अंडमान में बहुत संभावनाएं हैं। 8 साल से हम इसी दिशा में काम कर रहे हैं।’

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