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चुनाव प्रचार में प्रत्याशी नहीं कर पाएगा सरकारी गाड़ी और विमान का इस्तेमाल, पूरे देश में लगने जा रही आचार संहिता..

भारत में आने वाले चुनावी माहौल में राजनीतिक प्रतिस्पर्धा बढ़ती है, और इसके साथ ही आचार संहिता के नियमों का पालन भी महत्वपूर्ण होता है। इसी क्रम में, सरकारी गाड़ी और विमान का इस्तेमाल चुनाव प्रचार में शामिल नहीं किया जा सकता है। आचार संहिता के तहत, यह एक महत्वपूर्ण प्रावधान है जो चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाने का लक्ष्य रखता है।

आचार संहिता के अनुसार, सरकारी गाड़ी और विमान का उपयोग चुनावी प्रचार और प्रतिस्पर्धा के दौरान प्रत्याशियों द्वारा नहीं किया जा सकता है। यह सरकारी संस्थानों के तत्वों के नियमों और दिशानिर्देशों का उल्लंघन करता है और निष्पक्षता की भ्रांति उत्पन्न कर सकता है। इसे राज्य और केंद्रीय सरकारों के लिए समान रूप से लागू किया जाता है।

इस नियम के तहत, सरकारी वाहनों का इस्तेमाल केवल आधिकारिक कार्यों और सरकारी कार्यों के लिए ही होना चाहिए, और उनका चुनाव प्रचार में कोई भाग नहीं होना चाहिए। इसे लागू करने के माध्यम से, चुनावी प्रक्रिया में निष्पक्षता, न्याय, और भारतीय लोकतंत्र की मूलभूत सिद्धांतों को सुनिश्चित किया जाता है।

आज यानी 16 मार्च, 2024 को लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान किया जाएगा। एक बार चुनावी तारीखों की घोषणा होने पर आदर्श चुनाव आचार संहिता (Model Code of Conduct) भी लागू हो जाएगी।

राजनीतिक दलों को इसका पालन करना अनिवार्य होगा। आचार संहिता की शुरुआत सबसे पहले 1960 में केरल आम चुनाव के दौरान की गई थी। इसके बाद 1967 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान भी इसे लागू किया गया था। समय के साथ-साथ इसके नियमों में भी कई बदलाव किए गए। इस लेख के जरिए हम आज आपको बताएंगे कि आखिर आचार संहिता होती क्या है और राजनीतिक दलों को कौन-कौन से नियमों के पालन करने होते हैं।