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इस्लामिक देश ब्रुनेई क्यों गए मोदी:आबादी 4 लाख, भारत से 8 गुना ज्यादा प्रति व्यक्ति आय, टैक्स नहीं फिर भी शिक्षा-इलाज मुफ्त कैसे

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ब्रुनेई दौरे का मुख्य उद्देश्य भारत और ब्रुनेई के बीच संबंधों को और मजबूत करना है। ब्रुनेई एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण देश है, जो दक्षिण पूर्व एशिया में स्थित है। इसके बावजूद कि ब्रुनेई की आबादी सिर्फ 4 लाख है, यह देश आर्थिक रूप से बेहद समृद्ध है।

ब्रुनेई की समृद्धि का मुख्य कारण उसका प्राकृतिक संसाधन, विशेषकर तेल और गैस का विशाल भंडार है। इन संसाधनों की बदौलत ब्रुनेई की प्रति व्यक्ति आय भारत से करीब 8 गुना ज्यादा है। तेल और गैस के निर्यात से मिलने वाली आय से सरकार नागरिकों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सेवाएं मुफ्त में उपलब्ध कराती है। इसके अलावा, ब्रुनेई में कोई आयकर नहीं लगता है, जिससे लोगों की व्यक्तिगत आय और भी ज्यादा होती है।

ब्रुनेई की सरकार का यह मॉडल “रेंटियर स्टेट” के रूप में जाना जाता है, जिसमें सरकार अपनी संपत्ति (जैसे तेल) के जरिए आय अर्जित करती है और इसे अपने नागरिकों के कल्याण पर खर्च करती है। इसके अलावा, ब्रुनेई की सरकार ने अपने विदेशी निवेश और आर्थिक नीति के जरिए भी स्थिरता बनाए रखी है।

मोदी का ब्रुनेई दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत और ब्रुनेई के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हैं, और दोनों देश इन संबंधों को और मजबूत करने के लिए आर्थिक और राजनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देना चाहते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा ब्रुनेई जैसे छोटे लेकिन सामरिक और आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण देश के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से है। ब्रुनेई दक्षिण पूर्व एशिया के बोर्नियो द्वीप पर स्थित है, जहां तीन देशों का क्षेत्र है: इंडोनेशिया, मलेशिया और ब्रुनेई।

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ब्रुनेई एक इस्लामिक देश है और इसकी आबादी मात्र 4 लाख है। इसके बावजूद यह देश आर्थिक रूप से बेहद समृद्ध है, क्योंकि यहां के पास तेल और गैस के विशाल भंडार हैं। यह संपन्नता ब्रुनेई को अपने नागरिकों को उच्च जीवन स्तर प्रदान करने में सक्षम बनाती है।

ब्रुनेई का शासन शाही परिवार के हाथों में है, और यहां के सुल्तान देश के सर्वोच्च नेता होते हैं। इस देश की आर्थिक व्यवस्था रेंटियर स्टेट मॉडल पर आधारित है, जिसमें सरकार अपनी प्राकृतिक संपदा से अर्जित आय को अपने नागरिकों के कल्याण पर खर्च करती है।

प्रधानमंत्री मोदी का दौरा ब्रुनेई के साथ आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने का एक प्रयास है। यह दौरा भारत की एक्ट ईस्ट नीति के तहत भी महत्वपूर्ण है, जिसमें भारत दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ संबंधों को बढ़ाने पर जोर दे रहा है।

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