खेल/कूद
अमन ने 11 की उम्र में मां-बाप खोए,10 साल बाद ओलिंपिक मेडल जीता; कमरे में लिखा था- आसान होता तो हर कोई कर लेता
अमन ने 11 साल की उम्र में अपने माता-पिता को खो दिया। इस बड़े व्यक्तिगत दुख के बावजूद, उन्होंने 10 साल बाद ओलंपिक में मेडल जीता। अपने कमरे में उन्होंने एक प्रेरणादायक उद्धरण लिखा था, जिसमें कहा गया था, “अगर यह आसान होता, तो हर कोई कर लेता।” यह उनके दृढ़ संकल्प और कठिनाइयों के सामने संघर्ष करने की भावना को दर्शाता है। उनकी यात्रा समर्पण और साहस की एक प्रेरणादायक कहानी है।
अमन सहरावत की मां का देहांत तब हुआ जब वह केवल 11 साल का था। उसकी मां की मौत के बाद, पिता ने उसे डिप्रेशन से बचाने के लिए कुश्ती में डाल दिया। लेकिन छह महीने बाद, अमन के पिता का भी निधन हो गया। इसके बावजूद, अमन ने हार नहीं मानी और अपने कठिन जीवन संघर्ष के बावजूद, रेसलिंग में अपनी मेहनत और समर्पण से भारत को ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल दिलाया। यह कहानी उसकी मौसी सुमन ने बताई, जो उनके संघर्ष और सफलता का प्रतीक है।
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