राजस्थान
शाह बोले- पायलट का नंबर कभी नहीं आएगा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच जारी टकराव पर तंज कसा है। उन्होंने शनिवार को भरतपुर में पार्टी के एक कार्यक्रम में कहा, ‘पायलट का नंबर कभी नहीं आएगा। भले ही वे जमीनी स्तर पर बहुत सक्रिय हैं, लेकिन कांग्रेस के खजाने में गहलोत की भागीदारी बड़ी है।’
शाह यहां कॉलेज ग्राउंड में बूथ विजय संकल्प हमारा कार्यक्रम के तहत पार्टी कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। राजस्थान में 7 महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सियासी पार्टियां सक्रिय होने लगी हैं।
शाह बोले गहलोत की 3डी सरकार- दंगे, दलितों पर अत्याचार और महिलाओं से दुर्व्यवहार
शाह ने राजस्थान के सभी लोक देवताओं और महाराजा सूरजमल को याद करते हुए अपने संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने गहलोत की सरकार को 3डी सरकार बताया। बोले- यह तीन डी पर चल रही है। शाह ने थ्री डी को राजस्थान में दंगे, महिलाओं से दुर्व्यवहार और दलितों पर अत्याचार से जोड़ा
शाह के संबोधन की बड़ी बातें
- 2014 के लोकसभा चुनाव में हमने राजस्थान में 25 सीटें जीती, 2019 के चुनाव में भी 25 सीटें जीतीं। अब राजस्थान में 2023 के विधानसभा चुनाव में 2 तिहाई के बहुमत से जीतकर सरकार बनाएंगे।
- गहलोत सरकार ने वंशवाद को बढ़ावा दिया है, जातिवाद को भड़काने का काम किया है। राजस्थान की जनता अब त्राहि-त्राहि पुकार रही है।
- यहां पर गहलोत सरकार में 2 दर्जन से ज्यादा पेपर लीक हो चुके हैं। गहलोत साहब अभी भी सरकार चाहते हैं। गहलोत साहब सेंचुरी लगानी है क्या?
- राजस्थान में क्राइम चरम पर है। सुनियोजित दंगे होते हैं, गहलोत सरकार वोट बैंक के लालच में कोई कड़े कदम नहीं उठाती है।
- वोट प्राप्त करने के लिए गहलोत सरकार ने हाईकोर्ट में सही पैरवी नहीं की, जिस कारण जयपुर बम ब्लास्ट के आरोपी छूट गए। अरे शर्म करो, राजस्थान की जनता सब जानती है। ये सरकार उसी दिन मन से निकल गई, जिस दिन रामनवमी पर जुलूस पर रोक लगा दी।
- राहुल बाबा देशभर में पैदल चले। एक पत्रकार सम्मेलन में गया तो पत्रकार ने पूछा नतीजा क्या होगा? मैंने कहा- नॉर्थ-ईस्ट के तीन राज्यों में चुनाव हुए, कांग्रेस का सफाया हो गया।
वसुंधरा राजे ने कहा- गहलोत सरकार ने जल संकट पर काम नहीं किया
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने कहा- हमारे यहां जमीन का जलस्तर गिरता जा रहा है। पिछली सरकार ने 13 जिले का प्लान बनाया था। ईस्टर्न कैनाल में कोटा से लेकर अलवर तक को शामिल किया गया। इसका संकल्प हमने लिया था। अफसोस है कि गहलोत जी ने इसके लिए कोई काम किया ही नहीं है। गहलोत कहते है कि भारतीय जनता पार्टी दूसरे दलों की सरकारों को हाथ में लेने की कोशिश करती हैं। जबकि इनकी खुद की सरकार इन्होंने 2008 और 2018 में भी जोड़तोड़ की बनाई थी।
कमजोर सीटों को जीतने की राष्ट्रीय स्तर पर बनी भाजपा की रणनीति के तहत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भरतपुर आए। राजस्थान के सात संभागों में से भाजपा के लिए भरतपुर और जयपुर ही सबसे कमजोर कड़ी है। पिछले चुनाव में भरतपुर संभाग के चार जिलों में से तीन जिलों में भाजपा का खाता भी नहीं खुला था। भरतपुर, करौली और सवाईमाधोपुर में भाजपा की स्थिति शून्य रही जबकि धौलपुर में सिर्फ एक सीट पर जीत मिली थी। बाद में इस सीट से जीती शोभारानी कुशवाह को भी पार्टी से बाहर कर देने के कारण मौजूदा समय में भरतपुर संभाग की 19 सीटों पर भाजपा का कोई विधायक नहीं है।
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