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मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन ने डॉक्टर्स के लिए जारी किए दिशा-निर्देश,ड्यूटी टाइम और नैतिकता के अलावा सहकर्मियों की सुरक्षा पर भी जोर

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मध्य प्रदेश मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन ने डॉक्टरों के लिए नई दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनका उद्देश्य चिकित्सा सेवाओं में सुधार और कार्यस्थल पर बेहतर माहौल सुनिश्चित करना है। इन दिशा-निर्देशों में डॉक्टरों के ड्यूटी समय, नैतिकता, और सहकर्मियों की सुरक्षा पर विशेष जोर दिया गया है।

दिशा-निर्देशों की मुख्य बातें:

  1. ड्यूटी टाइम: डॉक्टरों को अपने निर्धारित ड्यूटी समय का पालन करने पर जोर दिया गया है। मरीजों को समय पर इलाज मिले और डॉक्टर अपनी जिम्मेदारियों को सही ढंग से निभाएं, यह सुनिश्चित करने के लिए यह निर्देश दिया गया है।
  2. नैतिकता: डॉक्टरों से यह अपेक्षा की गई है कि वे अपने पेशे में नैतिकता और मानवीयता का पालन करें। इसमें मरीजों के प्रति संवेदनशीलता और सम्मानजनक व्यवहार बनाए रखना प्रमुख है।
  3. सहकर्मियों की सुरक्षा: चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा पर विशेष जोर दिया गया है। कार्यस्थल पर हिंसा या असुरक्षित माहौल को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने की सिफारिश की गई है, ताकि डॉक्टर और अन्य स्टाफ सुरक्षित महसूस करें।
  4. अंतर-सहयोग: डॉक्टर्स और अन्य चिकित्सा कर्मियों के बीच आपसी सहयोग और सम्मान बनाए रखने की अपील की गई है, ताकि स्वास्थ्य सेवाओं का सुचारू संचालन हो सके।

एसोसिएशन का मानना है कि इन दिशा-निर्देशों का पालन करने से स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा और डॉक्टरों को एक सुरक्षित और सम्मानजनक माहौल मिलेगा।

मध्य प्रदेश मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन ने डॉक्टरों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनका उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और डॉक्टरों की जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से निर्धारित करना है। इन गाइडलाइंस में चिकित्सकीय और प्रशासनिक दोनों जिम्मेदारियों पर विशेष जोर दिया गया है। डॉक्टरों को अपने कार्य और कर्तव्यों के प्रति अनुशासन में रहकर काम करने की सलाह दी गई है।

दिशा-निर्देशों की प्रमुख बातें:

  1. ड्यूटी टाइम की पाबंदी:
    • डॉक्टरों को उनके निर्धारित ड्यूटी समय का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।
    • सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान दिया गया है, ताकि मरीजों को समय पर चिकित्सा सेवाएं मिल सकें।
  2. निजी प्रैक्टिस से बचाव:
    • सरकारी ड्यूटी के दौरान किसी भी प्रकार की निजी प्रैक्टिस से बचने के निर्देश दिए गए हैं।
    • डॉक्टरों को सलाह दी गई है कि वे अपने सरकारी कार्यकाल के समय का सही उपयोग करें और केवल सरकारी कार्यों पर ध्यान केंद्रित करें। इससे सरकारी अस्पतालों में मरीजों को बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी।
  3. चिकित्सकीय और प्रशासनिक जिम्मेदारियां:
    • डॉक्टरों से उम्मीद की गई है कि वे न केवल मरीजों का इलाज करें बल्कि प्रशासनिक कार्यों में भी पूरी जिम्मेदारी निभाएं।
    • अस्पतालों के सुचारू संचालन और सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए प्रशासनिक निर्देशों का पालन जरूरी है।
  4. व्यवसायिक नैतिकता:
    • डॉक्टरों से अपेक्षा की गई है कि वे अपने पेशे में नैतिकता और ईमानदारी का पालन करें।
    • मरीजों के प्रति सम्मानजनक और संवेदनशील व्यवहार बनाए रखना अनिवार्य है, ताकि स्वास्थ्य सेवाओं में भरोसा और विश्वसनीयता बनी रहे।
  5. अनुशासन और टीम वर्क:
    • डॉक्टरों से टीम वर्क में काम करने की अपील की गई है। यह सुनिश्चित करना है कि सहकर्मियों के साथ अच्छे संबंध हों और कार्यस्थल पर सामंजस्य बना रहे।
    • चिकित्सा सेवाओं के दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही से बचने और सामूहिक कार्यप्रणाली को बढ़ावा देने के निर्देश दिए गए हैं।

उद्देश्य:

इन दिशा-निर्देशों का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाना, डॉक्टरों के अनुशासन और नैतिकता को बढ़ावा देना, और मरीजों को बेहतर चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना है।

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