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ममता के दूसरे लेटर पर केंद्र का जवाब,रेप मामलों में फांसी का प्रावधान पहले से है, ममता ने कड़े कानून बनाने की मांग की थी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रेप के मामलों में कड़े कानून बनाने की मांग को लेकर दूसरी चिट्ठी लिखी थी। इस पर केंद्र सरकार की ओर से जवाब आया है कि रेप मामलों में फांसी की सजा का प्रावधान पहले से ही भारतीय कानून में मौजूद है।
ममता बनर्जी ने अपने पत्र में जोर देकर कहा था कि रेप के दोषियों के लिए कड़ी सजा सुनिश्चित करने के लिए और भी सख्त कानून बनाए जाने चाहिए। इसके जवाब में केंद्र ने स्पष्ट किया कि मौजूदा कानूनी ढांचे में पहले से ही कड़े प्रावधान हैं, जिसमें दोषियों को फांसी की सजा का भी प्रावधान है।
यह मामला विशेष रूप से कोलकाता में हाल ही में हुए एक रेप-मर्डर केस से जुड़ा हुआ है, जिसने राज्य और देश में व्यापक आक्रोश पैदा किया था। ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग की थी, जिससे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और भी कड़े कदम उठाए जा सकें।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हाल ही में दूसरी बार चिट्ठी लिखी, जिसमें उन्होंने देश में रेप के मामलों में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और सख्त कानून बनाने की मांग की थी। ममता ने यह पत्र विशेष रूप से कोलकाता में हाल ही में हुए रेप-मर्डर के मामले के संदर्भ में लिखा था, जो राज्य और देश में व्यापक आक्रोश का कारण बना। इस पत्र का केंद्र सरकार की ओर से शुक्रवार को जवाब दिया गया।
केंद्र सरकार की ओर से महिला और बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने ममता बनर्जी के पत्र का जवाब दिया। अन्नपूर्णा देवी ने अपने जवाब में बताया कि मौजूदा कानूनी ढांचे में रेप के मामलों में दोषियों को कड़ी सजा देने के लिए पहले से ही पर्याप्त प्रावधान हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय कानून में पहले से ही रेप के दोषियों के लिए फांसी की सजा का प्रावधान है, और यह एक बहुत ही गंभीर अपराध माना जाता है।
मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने ममता बनर्जी को आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार महिला सुरक्षा के मुद्दे पर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने राज्य सरकारों को भी इस दिशा में सक्रिय कदम उठाने और कानून व्यवस्था को सख्त बनाने की सलाह दी।
ममता बनर्जी ने अपने पत्र में रेप के मामलों में तेजी से न्याय और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने की मांग की थी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि ऐसे मामलों में राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए और अपराधियों को उनके कृत्य के लिए कठोर सजा मिलनी चाहिए।
केंद्र की ओर से आए इस जवाब से यह स्पष्ट हो गया कि मौजूदा कानूनी ढांचे में ही महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़े प्रावधान हैं और इस दिशा में केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर काम करने की जरूरत है।
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