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मणिपुर हिंसा की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज-CBI करेंगे,शाह बोले- कल से सर्च ऑपरेशन..

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गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि मणिपुर हिंसा की वजह गलतफहमी है। इसलिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में बना कमीशन इसकी जांच करेगा। CBI भी हिंसा से जुड़े 6 केस की जांच करेगी।

शाह ने यह भी कहा कि मणिपुर के लोग अफवाहों पर ध्यान न दें। हथियार रखने वालों को पुलिस के सामने सरेंडर करना होगा। कल से सर्च ऑपरेशन शुरू होगा, अगर किसी के पास हथियार मिले तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

गृहमंत्री ने कहा, ‘मणिपुर की गवर्नर की अध्यक्षता में शांति समिति बनाई जाएगी। हम यह विश्वास दिलाना चाहते हैं कि जांच में पक्षपात नहीं होगा।’ शाह मणिपुर के 4 दिन के दौरे पर हैं और आज उनके दौरे का आखिरी दिन है।

शाह बोले- हिंसा में मारे गए लोगों को 10 लाख रुपए दिए जाएंगे
शाह ने कहा, हिंसा में मारे गए लोगों को 5 लाख मणिपुर सरकार और 5 लाख केंद्र सरकार देगी। वहीं, हिंसा में घायल लोगों और जिनकी प्रॉपर्टी का नुकसान हुआ है उनके लिए कल गृह मंत्रालय राहत पैकेज जारी करेगा।

एक दिन पहले राहत शिविर में हिंसा प्रभावितों से मिले थे शाह
शाह ने बुधवार को इंफाल में एक राहत शिविर का दौरा किया। यहां मैतेई समुदाय के लोग रह रहे हैं। उन्होंने लोगों से कहा कि मणिपुर में जल्द शांति बहाल होगी। जल्द की लोगों की घरों में वापसी सुनिश्चित की जाएगी।

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शाह ने कुकी समुदाय के संगठनों के साथ भी बैठक की थी। उन्होंने अधिकारियों से कहा था कि मणिपुर की शांति सर्वोच्च प्राथमिकता है। शांति बहाली के लिए जल्द से जल्द कदम उठाए जाएं।

सीएम के साथ कर चुके मीटिंग, 10-10 लाख रुपए की सहायता राशि का ऐलान
29 मई को मणिपुर की राजधानी इंफाल पहुंचते ही अमित शाह ने सबसे पहले मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, मंत्रियों और अधिकारियों के साथ मीटिंग की। इस बैठक में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला और इंटेलिजेंस ब्यूरो के चीफ तपन डेका भी मौजूद थे।

शाह ने हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए की सहायता राशि और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा की। उन्होंने राज्य में राशन और तेल जैसी जरूरी चीजों की सप्लाई को बेहतर करने के भी निर्देश दिए।

चानू समेत 11 खिलाड़ियों ने मेडल लौटाने की बात कही
मणिपुर में करीब एक महीने से जारी हिंसा के बीच ओलिंपिक पदक विजेता मीराबाई चानू सहित राज्य की 11 खेल हस्तियों ने गृह मंत्री अमित शाह को लेटर लिखकर राज्य में जल्द शांति बहाल करने की मांग की है। इन्होंने कहा है कि अगर स्थिति सामान्य नहीं हुई तो वे अपने अवॉर्ड और मेडल लौटा देंगे।

लेटर पर दस्तखत करने वालों में मीराबाई चानू, पद्म पुरस्कार विजेता वेटलिफ्टर कुंजारानी देवी, पूर्व भारतीय महिला फुटबॉल टीम की कप्तान बेम बेम देवी और मुक्केबाज एल सरिता देवी शामिल हैं।

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CDS बोले- यह जातीय हिंसा, उग्रवाद नहीं
इधर, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को पुणे में कहा कि मणिपुर में हालात सामान्य होने में थोड़ा वक्त लगेगा। जनरल चौहान ने कहा- राज्य में हिंसा दो जातियों के बीच संघर्ष का परिणाम है। इसका उग्रवाद से कोई लेना-देना नहीं है। यह कानून-व्यवस्था का मामला है। हम राज्य सरकार की मदद कर रहे हैं।

28 मई को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने बताया था कि राज्य में हिंसा शुरू होने के बाद पुलिस एनकाउंटर में 40 लोग मारे गए हैं। CM ने इन्हें मिलिटेंट बताया था।

हिंसा के चलते अब तक 80 लोगों की जान गई
मणिपुर में 3 मई से हिंसा जारी है। राजधानी इंफाल से लगे सेरौ और सुगनू इलाके में रविवार को हिंसक झड़प हुई थी। इसमें 1 पुलिसकर्मी समेत 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि 12 घायल हुए हैं। राज्य में हिंसा के चलते अब तक करीब 80 लोगों की जान गई है।

सेना ने 2,000 ग्रामीणों को सुरक्षित निकाला
ताजा हिंसा के बाद सेना और असम राइफल्स ने 28 मई को एक बड़ा रेस्क्यू अभियान चलाया। जिसमें कुकी जनजाति और मेइती समुदाय के ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में मदद की।

सेना और अर्धसैनिक बलों ने पुलिस, राज्य प्रशासन और नागरिक समाज संगठनों के साथ मिलकर सेरो से मैतेई समुदाय के लगभग 2,000 ग्रामीणों को निकाला और उन्हें पंगलताबी राहत शिविर ले गए। इसी तरह कुकी जनजाति के लगभग 328 ग्रामीणों को सुरक्षित रूप से सुगनू से साजिक तंपक पहुंचाया गया।

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