मणिपुर
मणिपुर की घटना पर बोले मोदी- मन क्रोध से भरा..
संसद का मानसून सत्र आज सुबह 11 बजे से शुरू हो गया। कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने मणिपुर मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया। इसके चलते लोकसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई है। वहीं, राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित की गई है।
इससे पहले PM मोदी ने मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र सड़क पर घुमाने के मामले पर कहा, ‘मेरा हृदय आज पीड़ा से भरा है, क्रोध से भरा है। मणिपुर की घटना किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मसार करने वाली घटना है। पाप करने वाले कितने हैं और कौन हैं ये अपनी जगह है।’
उन्होंने कहा, ‘ये बेइज्जती पूरे देश की हो रही है। 140 करोड़ भारतीयों को शर्मसार होना पड़ा है। सभी मुख्यमंत्रियों से कहता हूं कि कानून-व्यवस्था को मजबूत करें। माताओं-बहनों की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाएं।’
पीएम ने कहा कि इस देश में हिंदुस्तान के किसी भी कोने या किसी भी राज्य सरकार में राजनीतिक वाद-विवाद से ऊपर उठकर कानून-व्यवस्था और बहनों का सम्मान प्राथमिकता है। किसी भी गुनहगार को बख्शा नहीं जाएगा। मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता।
दरअसल, मणिपुर में भीड़ ने कुकी समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाने की घटना सामने आई है। यह मामला 4 मई का है। राजधानी इंफाल से लगभग 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले में हुई। इसका वीडियो बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। राज्य में ढाई महीने से ज्यादा समय से हिंसा जारी है।
संसद में आज मणिपुर मुद्दे पर हंगामा होने की आसार है। कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी, शिवसेना (उद्धव गुट) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी और CPI(M) के सांसद एलामाराम करीम समेत कई सांसदों ने संसद में मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा है कि आज हम संसद में मणिपुर के मुद्दे को उठाएंगे। प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर चुप हैं। उनके पास 38 पार्टियों की मीटिंग बुलाने के लिए समय है, लेकिन मणिपुर जाने के लिए टाइम नहीं है। वहीं, हमारी पार्टी के राहुल गांधी ने मणिपुर जाकर वहां के लोगों से मुलाकात की थी।
विपक्षी दलों का नया गठबंधन मानसून सेशन में दिल्ली अध्यादेश, राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने जैसे मुद्दों पर भी केंद्र को घेरने की कोशिश करेगा। इसके अलावा यूनिफॉर्म सिविल कोड और अडानी-हिंडनबर्ग मामले में JPC से जांच की मांग जैसे मुद्दों पर भी बहस हो सकती है।
केंद्र सरकार मानसून सत्र में 31 बिल लाएगी, सत्र में 17 बैठकें होंगी
मानसून सत्र 11 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान 17 बैठकें होंगी। केंद्र सरकार मानसून सत्र में 31 बिल ला रही है। इनमें 21 नए बिल हैं वहीं 10 बिल पहले संसद में पेश हो चुके। उन पर चर्चा होगी। सबसे ज्यादा चर्चित बिल दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़ा अध्यादेश है
1. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश, 2023
केंद्र सरकार ने 19 मई को दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर, पोस्टिंग और विजिलेंस से जुड़े अधिकारों को लेकर एक अध्यादेश जारी किया था। इसके जरिए केंद्र सरकार नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी का गठन करेगी। इस अथॉरिटी में दिल्ली CM, मुख्य सचिव और प्रधान गृह सचिव होंगे।
विपक्ष का रुख: दिल्ली को लेकर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ विपक्ष एकजुट हो गया है। कांग्रेस ने 16 जुलाई को AAP को समर्थन देने की बात कही। वहीं केजरीवाल को बंगाल CM ममता बनर्जी, शरद पवार, केसीआर और उद्वव ठाकरे का साथ पहले ही मिल चुका है। 18 जुलाई को बेंगलुरु में 26 पार्टियों की विपक्षी एकता बैठक भी हुई थी।
मायने: अध्यादेश के मुताबिक, दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का आखिरी फैसला उपराज्यपाल यानी LG का होगा। इसमें मुख्यमंत्री का कोई अधिकार नहीं होगा।
2. डिजिटल पसर्नल डेटा प्रोटेक्शन बिल, 2023
इस बार के मानसून सेशन में डिजिटल पसर्नल डेटा प्रोटेक्शन बिल, 2023 भी पेश किया जाएगा। हालांकि, इससे पहले अगस्त 2022 में पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल तैयार किया गया था, लेकिन IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव द्वारा वापस ले लिया गया था। IT मंत्रालय ने बिल को नए सिरे से तैयार किया, इस बार उसे डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) बिल नाम दिया।
विपक्ष का रुख: इस साल 12 जून को कोविन ऐप पर डेटा लीक की खबर आई थी। जिसको लेकर विपक्षी नेताओं ने काफी हंगामा किया था। हालांकि, सरकार ने डेटा लीक के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। डिजिटल पसर्नल डेटा प्रोटेक्शन बिल पर विपक्ष का रुख क्या रहता है, यह सदन की कार्यवाही के दौरान पता चलेगा।
मायने: इस बिल के तहत टेलिकॉम कंपनियों से लेकर सोशल मीडिया व अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म कंपनियों पर यूजर का डेटा लीक करना प्रतिबंधित हो जाएगा। नियमों का उल्लंघन करने पर 250 करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। इसका मकसद देश के नागरिकों की निजी डेटा की सुरक्षा करना है।
3. जन विश्वास (प्रावधान संशोधन) विधेयक, 2023
मानसून सत्र में एक और बिल पास किया जाने वाला है। इसका नाम जन विश्वास (प्रावधान संशोधन) विधेयक, 2023 है। 13 जुलाई को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस बिल को मंजूरी भी दे दी गई।22 दिसंबर 2022 को ये बिल लोकसभा में इंट्रोड्यूस किया गया था, अभी पास होना बाकी है।
विपक्ष का रुख: विपक्ष की तरफ से अभी जन विश्वास (प्रावधान संशोधन) विधेयक, 2023 पर कुछ टिप्पणी नहीं की गई है।
मायने: सिटिजन्स के डेली रूटीन को आसान बनाने के लिए 42 अधिनियमों के 183 प्रावधानों को या तो खत्म कर दिया जाएगा या उनमें संशोधन कर छोटी-मोटी गड़बड़ियों को अपराध की कैटेगरी से हटा दिया जाएगा। इनमें जेल की सजा से जुड़े कई प्रावधान शामिल हैं। इन संशोधनों को लागू किए जाने से मुकदमों का बोझ घटेगा।
अब जानिए वो 10 बिल जो पहले पेश हो चुके, मानसून सेशन में चर्चा होगी
बायोलॉजिकल डाइवर्सिटी (संसोधन) बिल 2022, जन विश्वास (संसोधन) बिल-2023, मल्टी स्टेट कॉपरेटिव सोसाइटीज (संसोधन) बिल 2022, डीएनए टेक्नोलॉजी रेगुलेशन बिल 2019, रिपीलिंग एंड एमेंडमेंट बिल 2022, फॉरेस्ट कंजर्वेशन एमेंडमेंट बिल, 2023, मीडिएशन बिल 2021, सिनेमेटोग्रॉफ संसोधन बिल 2019, संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश (तीसरा संशोधन) बिल 2022, संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश (चौथा संशोधन) बिल 2022
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