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चुनाव आयोग ने 44 दिन में ₹4658.13 करोड़ जब्त किए,लोकसभा चुनाव के 75 साल के इतिहास में ये सबसे ज्यादा..

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चुनाव आयोग (EC) द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार, लोकसभा चुनाव से पहले 1 मार्च से 13 अप्रैल तक, भारत के विभिन्न क्षेत्रों में 4658.13 करोड़ रुपए का नोटबंदी किया गया है। यह जब्त धन कैश, सोना-चांदी, शराब, ड्रग्स, और अन्य कीमती सामग्रियों को शामिल करता है। यह संख्या भारत के चुनाव इतिहास में सबसे बड़ी जब्ती है।

2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान, चुनाव आयोग ने 3475 करोड़ रुपए का नोटबंदी किया था। इसके मुकाबले, इस बार का नोटबंदी का आंकड़ा अधिक है, जिस साफ़ रूप से चुनाव आयोग की तरफ से चुनावी प्रक्रिया को सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने के लिए कठिन प्रयासों का परिणाम है।

चुनाव आयोग (EC) ने सोमवार को घोषणा की कि चुनावों की आधिकारिक घोषणा से पहले, जनवरी और फरवरी महीनों में कुल 7502 करोड़ रुपए की जब्ती की गई थी। इसका अर्थ है कि इन दो महीनों में भारत के विभिन्न क्षेत्रों में अधिकांश धनराशि जब्त की गई। इस तरह, जनवरी से 13 अप्रैल तक, कुल 12 हजार करोड़ रुपए से अधिक का नोटबंदी किया गया है, जो चुनावी प्रक्रिया की सुरक्षा और विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए चुनाव आयोग के प्रयासों का परिणाम है।

आयोग के मुताबिक, 1 मार्च के बाद से जब्त किए गए सामान में 2068.85 करोड़ के ड्रग्स, 1142.49 करोड़ के मुफ्त में बांटे जाने वाले सामान, 562.10 करोड़ की कीमती धातुएं​​​​​, 489.31 करोड़ की शराब और 395.39 करोड़ कैश शामिल है। कैश सहित सभी सामानों को मिलाकर हर दिन करीब 100 करोड़ रुपए सीज किए जा रहे हैं।

तमिलनाडु में सबसे ज्यादा 53 करोड़ कैश, तेलंगाना में 49 करोड़, महाराष्ट्र में 40 करोड़, कर्नाटक और राजस्थान में 35-35 करोड़ रुपए से ज्यादा जब्त किए गए हैं।

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कर्नाटक में सबसे ज्यादा 124.3 करोड़ की शराब सीज की गई। इसके बाद पश्चिम बंगाल में 51.7 करोड़, राजस्थान में 40.7 करोड़, उत्तर प्रदेश में 35.3 करोड़ और बिहार में 31.5 करोड़ रुपए की शराब जब्त की गई।

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