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कोलकाता रेप-मर्डर में हाईकोर्ट का राज्य सरकार से सवाल,प्रिंसिपल से पूछताछ क्यों नहीं हुई, आप कुछ करेंगे या हम ऑर्डर पास करें
कोलकाता में हुए एक रेप और मर्डर केस में, हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सख्त सवाल पूछे हैं। इस मामले में एक स्कूली छात्रा के साथ हुई दरिंदगी के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी, और इसके बाद कोलकाता हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया है।
हाईकोर्ट के सवाल
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि इस मामले में अब तक स्कूल के प्रिंसिपल से पूछताछ क्यों नहीं की गई है। अदालत ने सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा है कि क्या वह इस मामले में किसी प्रकार की कार्रवाई करेगी या फिर अदालत को खुद इस पर कोई आदेश पारित करना पड़ेगा।
मामले की गंभीरता
हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि इस मामले में स्कूल प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है, क्योंकि घटना स्कूल परिसर के भीतर हुई है। प्रिंसिपल और अन्य स्कूल प्रशासन से पूछताछ किए बिना मामले की पूरी सच्चाई सामने नहीं आ सकती है। अदालत ने मामले की निष्पक्ष और गहन जांच की आवश्यकता पर जोर दिया है।
सरकार की प्रतिक्रिया
इस पर राज्य सरकार को जल्द ही जवाब देना होगा कि अब तक क्या कार्रवाई की गई है और आगे की जांच में क्या कदम उठाए जाएंगे। अदालत का यह रुख दर्शाता है कि वह इस मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगी।
अदालत की चेतावनी
अगर सरकार इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं करती है, तो अदालत खुद से आदेश जारी कर सकती है, जो मामले की जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करेगी। हाईकोर्ट की इस प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट है कि न्यायपालिका इस मामले में त्वरित और निष्पक्ष न्याय की मांग कर रही है।
कलकत्ता हाई कोर्ट में मंगलवार, 13 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर से जुड़े रेप-मर्डर केस की जांच के सिलसिले में राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगी। चीफ जस्टिस टी एस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले में राज्य सरकार से कई गंभीर सवाल पूछे।
अदालत के सवाल
अदालत ने विशेष रूप से पूछा कि पुलिस ने अब तक आरजी कर मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष से पूछताछ क्यों नहीं की है। चीफ जस्टिस ने यह सवाल उठाया कि जब यह घटना कॉलेज परिसर से जुड़ी है, तो प्रिंसिपल जैसे महत्वपूर्ण व्यक्ति से पूछताछ किए बिना जांच कैसे पूरी हो सकती है।
अदालत की नाराजगी
अदालत ने राज्य सरकार की जांच प्रक्रिया पर असंतोष जताया और कहा कि अगर सरकार इस मामले में सख्त कदम नहीं उठाती है, तो अदालत को खुद इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ेगा। अदालत ने यह भी कहा कि प्रिंसिपल से पूछताछ जरूरी है ताकि मामले के सभी पहलुओं को सही तरीके से समझा जा सके।
राज्य सरकार की जिम्मेदारी
हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सुनिश्चित करे कि इस मामले में निष्पक्ष और प्रभावी जांच हो। यह सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश था कि अदालत इस मामले को गंभीरता से ले रही है और न्याय सुनिश्चित करने के लिए कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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