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केजरीवाल को ED केस में जमानत,CBI केस में जेल में ही रहेंगे; सुप्रीम कोर्ट बोला- CM बने रहना है या नहीं खुद तय करें
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के मामले में जमानत मिल गई है, लेकिन वह अभी भी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के केस में जेल में रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल को यह तय करना होगा कि वे मुख्यमंत्री बने रहना चाहते हैं या नहीं। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए उनके खिलाफ चल रहे मामलों की जांच और प्रक्रिया पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह मामला उनके राजनीतिक करियर और दिल्ली की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है।
शराब नीति घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। जस्टिस संजीव खन्ना ने जमानत देते हुए कहा- केजरीवाल 90 दिन से जेल में हैं। इसलिए उन्हें रिहा किए जाने का निर्देश देते हैं। हम जानते हैं कि वह चुने हुए नेता हैं और ये उन्हें तय करना है कि वे मुख्यमंत्री बने रहना चाहते हैं या नहीं।
जस्टिस खन्ना ने कहा- हम ये मामला बड़ी बेंच को ट्रांसफर कर रहे हैं। गिरफ्तारी की पॉलिसी क्या है, इसका आधार क्या है। इसके लिए हमने ऐसे 3 सवाल भी तैयार किए हैं। बड़ी बेंच अगर चाहे तो केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर बदलाव कर सकती है।
केजरीवाल को ED ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। उसके बाद राऊज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें कस्टडी में भेज दिया था। गिरफ्तारी और कस्टडी को केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिस पर सुनवाई हुई।
केजरीवाल को ED के मनी लॉन्ड्रिंग केस में जमानत मिली है। उनके खिलाफ दूसरा मामला CBI का है। भ्रष्टाचार के केस में वे न्यायिक हिरासत में हैं। इसलिए जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे।
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