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आतिशी विधायकों की पसंद नहीं, केजरीवाल के वीटो से CM,30 मिनट की मीटिंग, एक नाम का प्रस्ताव, नया CM चुनने की इनसाइड स्टोरी

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आतिशी विधायकों की पसंद नहीं, केजरीवाल के वीटो से CM,30 मिनट की मीटिंग, एक नाम का प्रस्ताव, नया CM चुनने की इनसाइड स्टोरी March 14, 2025

दिल्ली की राजनीति में हाल ही में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया, जिसमें आतिशी मार्लेना को दिल्ली की मुख्यमंत्री बनाने की चर्चा जोरों पर थी। हालांकि, यह फैसला सिर्फ विधायकों की पसंद नहीं था, बल्कि अरविंद केजरीवाल की ओर से वीटो किया गया एक महत्वपूर्ण निर्णय था। इस प्रक्रिया के पीछे की कहानी में कई दिलचस्प पहलू हैं, जो इस प्रकार हैं:

1. 30 मिनट की मीटिंग:

दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों की एक अहम बैठक आयोजित की गई, जिसमें मुख्यमंत्री पद को लेकर चर्चा हुई। इस मीटिंग में केवल 30 मिनट के अंदर आतिशी के नाम पर सहमति बनी। विधायकों ने अपना समर्थन व्यक्त किया, लेकिन केजरीवाल की निर्णायक भूमिका ने अंततः इस फैसले को तय किया।

2. केजरीवाल का वीटो:

अरविंद केजरीवाल ने आतिशी के नाम को वीटो किया, जो कि विधायकों के बीच चर्चा का महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया। केजरीवाल का यह निर्णय आतिशी की काबिलियत और पार्टी में उनके प्रभाव को देखते हुए लिया गया था। वे एक कद्दावर नेता के रूप में उभरी हैं और शिक्षा, पर्यावरण, और शहरी विकास के क्षेत्र में उनके योगदान को ध्यान में रखा गया।

3. नया सीएम चुनने की इनसाइड स्टोरी:

आतिशी को मुख्यमंत्री पद के लिए आगे बढ़ाने के पीछे पार्टी के अंदरूनी समीकरण और राजनीतिक रणनीतियाँ थीं। विधायकों के बीच किसी और नाम पर ज्यादा चर्चा नहीं हुई, क्योंकि केजरीवाल का समर्थन और वीटो उनके नाम को मजबूत कर चुका था। इस फैसले को लेकर पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी सहमति जताई, और बैठक में अन्य नामों पर विचार करने की जरूरत नहीं पड़ी।

4. विधायकों की राय:

भले ही कुछ विधायक आतिशी को मुख्यमंत्री के रूप में पसंद नहीं कर रहे थे, लेकिन अरविंद केजरीवाल का फैसला अंतिम साबित हुआ। विधायकों ने अपनी राय जाहिर की, लेकिन पार्टी के भीतर आतिशी की भूमिका और उनकी लोकप्रियता के कारण उन्हें समर्थन मिल गया।

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5. आतिशी की भूमिका:

आतिशी ने दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं और पार्टी के लिए एक सशक्त चेहरा मानी जाती हैं। उनके मुख्यमंत्री बनने के पीछे यही योगदान एक बड़ा कारण था। वे पार्टी की विचारधारा और केजरीवाल की नीतियों को मजबूती से लागू करने की क्षमता रखती हैं, जिस कारण उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए चुना गया।

निष्कर्ष:

आतिशी का मुख्यमंत्री पद पर चयन दिल्ली की राजनीति और आम आदमी पार्टी के भीतर एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। अरविंद केजरीवाल के वीटो और विधायकों की सहमति से यह निर्णय लिया गया, जिससे आतिशी अब दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर आसीन होने की ओर अग्रसर हैं। उनके नेतृत्व में दिल्ली की नीतियों और विकास कार्यों में क्या बदलाव आएंगे, यह देखने वाली बात होगी।

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