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अब फोनपे से विदेशों में भी कर सकेंगे पेमेंट,ऐप में UPI इंटरनेशनल एक्टिवेट करना होगा..

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फिनटेक मेजर फोनपे UPI के जरिए इंटरनेशनल पेमेंट की सुविधा शुरू करने जा रहा है। इसके जरिए भारत के फोनपे यूजर्स विदेश यात्रा के दौरान UPI ​​का उपयोग करके इंटरनेशनल मर्चेंट को पेमेंट कर सकेंगे। फिलहाल इस फीचर में जिन देशों को शामिल किया जाएगा उनमें UAE, सिंगापुर, मॉरीशस, नेपाल और भूटान शामिल हैं। इस सुविधा का के लिए, फोनपे ऐप में UPI इंटरनेशनल को एक्टिवेट करना होगा।

फोनपे ने एक बयान में कहा, ‘यूजर्स सीधे अपने भारतीय बैंक से विदेशी मुद्रा में भुगतान करने में सक्षम होंगे- ठीक वैसे ही जैसे वे अंतरराष्ट्रीय डेबिट कार्ड के साथ करते हैं।’ फिनटेक इंडस्ट्री के एक एग्जीक्यूटिव के अनुसार, यह कदम फोनपे के बड़े फॉरेक्स मार्केट के एक हिस्से पर कब्जा करने का प्रयास लगता है। यह एक ऐसी कैटेगरी है जहां पेमेंट ऐप्स के लिए एडिशनल पैसा बनाने का सीधा मौका है।’

कंपनी के को-फाउंडर और चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर, राहुल चारी ने कहा, ‘पिछले 6 साल में, पूरे भारत में हमने UPI पेमेंट रिवॉल्यूशन एक्सपीरिएंस किया है। UPI इंटरनेशनल बाकी दुनिया को भी UPI का अनुभव देने की दिशा में पहला बड़ा कदम है।’

चारी ने कहा कि इस फीचर का लॉन्च एक “गेमचेंजर” साबित होगा और विदेश यात्रा करने वाले भारतीयों के पेमेंट करने के तरीके को पूरी तरह से बदल देगा।’आने वाले महीनों में कुछ अन्य फिनटेक ऐप्स के भी क्रॉस बॉर्डर UPI सपोर्ट शुरू कर सकते हैं। UPI ने पिछले महीने 8 बिलियन से अधिक ट्रांजैक्शन प्रोसेस किए। UPI इंटरनेशनल मौजूदा NPCI के रोडमैप पर है। फॉरेन मार्केट में UPI पेमेंट स्वीकार करने के लिए मर्चेंट को ऑनबोर्ड करना भारत के NPCI के लिए एक टेस्ट की तरह होगा, क्योंकि मर्चेंट के बिना, UPI यूजर्स पेमेंट नहीं कर पाएंगे।यह पहली बार नहीं है जब किसी मोबाइल पेमेंट ऐप ने अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपने डोमेस्टिक यूजर्स को सर्विस देना शुरू किया है। चाइनीज कंपनी वीचैट पे और अलीपे भी कई देशों में अपने ग्राहकों को इसी तरह की सर्विस देते हैं। हालांकि, चाइनीज प्लेयर्स के लिए भी, विदेशों में मर्चेंट को ऑनबोर्ड करना काफी चुनौतीपूर्ण रहा है।डोमेस्टिक UPI मार्केट में, चार ऐप – फोनपे, गूगल पे, पेटीएम और CRD पे का कुल UPI मार्केट में 96.4% हिस्सेदारी हैं। इसमें PhonePe सबसे आगे है जिसकी भारत में कुल UPI लेनदेन में लगभग 49% हिस्सेदारी है। PhonePe के बाद 34% शेयर के साथ Google Pay, 11% शेयर के साथ Paytm, 1.8% शेयर के साथ CRED Pay और अन्य (WhatsApp, Amazon Pay और बैंकिंग ऐप) की हिस्सेदारी 3.5% है।

2016 में UPI की लॉन्चिंग के साथ ही डिजिटल पेमेंट की दुनिया में एक क्रांति आ गई। UPI ने सीधे बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर करने की सुविधा दी। इससे पहले डिजिटल वॉलेट का चलन था। वॉलेट में KYC जैसी झंझट है, जबकि UPI में ऐसा कुछ नहीं करना पड़ता।

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भारत में RTGS और NEFT पेमेंट सिस्टम का ऑपरेशन RBI के पास है। IMPS, RuPay, UPI, जैसे सिस्टम को नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ऑपरेट करती हैं। सरकार ने 1 जनवरी 2020 से UPI ट्रांजैक्शन के लिए एक जीरो-चार्ज फ्रेमवर्क मेंडेटरी किया था।

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