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अनंत चतुर्दशी पर झांकियां देखने रातभर जागा इंदौर,12 घंटे में 6 किमी चलीं; 3 हजार से ज्यादा जवान तैनात रहे, ड्रोन से निगरानी
इंदौर में अनंत चतुर्दशी के मौके पर शहर भर में भव्य झांकियां निकाली गईं, जिसे देखने के लिए शहरवासियों ने पूरी रात जागकर उत्सव का आनंद लिया। झांकियों का यह सिलसिला करीब 12 घंटे तक चला और लगभग 6 किलोमीटर लंबा मार्ग तय किया गया।
झांकियों की विशेषताएं:
- सुरक्षा व्यवस्था:
- शहर में झांकियों के दौरान 3 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी।
- सुरक्षा के लिए ड्रोन कैमरों से निगरानी रखी गई, जिससे भीड़ पर पूरी नजर रखी जा सके।
- समय और मार्ग:
- झांकियां रातभर निकलीं, और शहर के विभिन्न हिस्सों से गुजरते हुए प्रमुख मार्गों पर प्रदर्शित की गईं।
- इस दौरान सड़कों पर लोगों की भीड़ उमड़ी रही, जो पूरी रात उत्साह और भक्ति से भरी रही।
- सामाजिक और धार्मिक संदेश:
- झांकियों में धार्मिक और सामाजिक संदेशों को प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया। भगवान गणेश और अन्य देवी-देवताओं की सुंदर और भव्य प्रतिमाओं के साथ-साथ विभिन्न लोक नृत्यों और परंपराओं का प्रदर्शन भी किया गया।
इस उत्सव ने इंदौर शहर को भक्ति और उत्साह से भर दिया, और झांकियों के चलते लोगों ने एकजुट होकर इस अवसर का जश्न मनाया।
इंदौर में अनंत चतुर्दशी की झांकियों का यह आयोजन इस साल अपने 101वें साल में पहुंच गया। मंगलवार को पूरे शहर ने इस खास मौके पर पूरी रात जागकर झांकियों का आनंद लिया। इस आयोजन में झांकियों ने 12 घंटे में करीब 6 किलोमीटर का सफर तय किया।
प्रमुख बातें:
- जनसैलाब:
- झांकी मार्ग पर दो लाख से ज्यादा लोग जमा हुए थे, जिनमें बड़ी संख्या में दूसरे शहरों से आए लोग भी शामिल थे।
- यह आयोजन पूरे इंदौर में उत्सव जैसा माहौल लेकर आया, जिसमें हर उम्र के लोग शामिल थे।
- सुरक्षा व्यवस्था:
- झांकियों की सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। महिला पुलिसकर्मियों की भी तैनाती की गई थी ताकि महिलाएं और बच्चे सुरक्षित महसूस कर सकें।
- सुरक्षा के लिए पूरे मार्ग पर पुलिसकर्मी और ड्रोन से निगरानी की गई थी।
- धार्मिक और सांस्कृतिक झलक:
- झांकियों में धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता की झलक देखने को मिली। भगवान गणेश और अन्य देवी-देवताओं की भव्य प्रतिमाओं और झांकियों ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
- लोक नृत्य, संगीत और विभिन्न परंपराओं को भी झांकियों के जरिए दर्शाया गया, जो इस आयोजन का प्रमुख आकर्षण रहा।
अनंत चतुर्दशी की यह झांकी परंपरा इंदौर की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, जिसमें हर साल हजारों लोग शामिल होते हैं,
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