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PM बोले- विपक्ष ने मणिपुर के साथ धोखा किया,अविश्वास प्रस्ताव लाए..

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि मणिपुर हिंसा पर हम संसद में शुरू से चर्चा करने के पक्ष में थे। विपक्ष के लोग सिर्फ राजनीति करना चाहते थे। वे अविश्वास प्रस्ताव लाए, फिर वोटिंग से भाग गए। विपक्ष ने मणिपुर के साथ धोखा किया।

मोदी ने यह बात पश्चिम बंगाल के हावड़ा में हो रहे भाजपा के पंचायती राज परिषद कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कही। PM ने बंगाल और मणिपुर हिंसा पर विपक्ष के रवैये और अपने 9 साल के कार्यकाल पर भी बात की।

PM बोले- विपक्ष को लोगों से नहीं, राजनीति से मतलब
PM ने कहा कि मानसून सत्र की शुरुआत से पहले होम मिनिस्टर अमित शाह ने सभी पार्टियों से कहा था कि वे मणिपुर मुद्दे पर चर्चा करना चाहते हैं। लेकिन विपक्ष ने मुद्दे पर चर्चा नहीं होने दी, क्योंकि वे जानते थे कि मणिपुर का सच सबसे ज्यादा उन्हें ही चुभेगा। विपक्ष लोगों के बारे में नहीं सोचता, उसे सिर्फ अपनी राजनीति से मतलब है।

देश में नकारात्मकता फैलाने वालों को करारा जवाब दिया
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमने संसद में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को हराया और पूरे देश में नकारात्मकता फैलाने वालों को करारा जवाब दिया। विपक्ष के सदस्य संसद बीच में ही छोड़कर चले गए। सच तो यह है कि वे अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से डर गए थे, क्योंकि वोटिंग होती तो घमंडिया गठबंधन की पोल खुल जाती।’

PM की स्पीच की 3 बातें…

  • पिछले 50 सालों से हम गरीबी हटाओ का नारा सुन रहे हैं, लेकिन वे गरीबी नहीं हटा पाए। जो काम वे 5 दशकों में नहीं कर सके, वो भाजपा सरकार ने इतने कम समय में करके दिखाया। हम लोग गरीबी को जीकर आए हैं। हमें पता है कि गरीबी की समस्याओं की जड़ कहां हैं। इसलिए हम जड़ों से गरीबी को काट पा रहे हैं।
  • हमने 18 हजार गांवों में बिजली पहुंचाई है। इनमें से 13 हजार गांव नॉर्थ-ईस्ट के थे। जो लोग आज मणिपुर-मणिपुर कर रहे हैं कि उनको कभी यह ख्याल नहीं आया कि पूर्वी भारत में 13 हजार गांव अंधेरे में थे।
  • हमने जलजीवन मिशन की शुरुआत की थी। तब देश के 20% से भी कम ग्रामीणों परिवारों तक नल से जल की सुविधा थी। आज 60% से भी ज्यादा ग्रामीण परिवारों को नल से पानी मिल रहा है।मिजोरम में 4 साल पहले तक केवल 6% घरों में पाइप से पानी पहुंचता था। आज यह आंकड़ा 90% से ज्यादा है।

राहुल गांधी ने 11 अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि PM मणिपुर को जलाना चाहते हैं, बचाना नहीं। संसद में 2 घंटे के अपने भाषण में वे मणिपुर पर सिर्फ 2 मिनट बोले। ये शोभा नहीं देता।

उन्होंने कहा- मणिपुर जल रहा है और प्रधानमंत्री हंस-हंसकर बोल रहे थे, ये उनको शोभा नहीं देता। अगर हिंदुस्तान में कहीं हिंसा हो रही है तो उन्हें इस तरह हंस-हंसकर नहीं बोलना चाहिए।

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प्रधानमंत्री को ये पता नहीं लग रहा है कि हमारे देश में क्या हो रहा है। वो जा नहीं सकते तो वहां के बारे में बोलें तो। जो मणिपुर में हो रहा है, सेना उसे दो दिन में रोक सकती है।

पीएम 10 अगस्त को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान संसद में बोले। इस दौरान उन्होंने कहा- नॉर्थ-ईस्ट हमारे जिगर का टुकड़ा है। नॉर्थ-ईस्ट की समस्याओं की एकमात्र जननी कांग्रेस है। वहां के लोग नहीं, कांग्रेस की राजनीति जिम्मेदार है।

मैं सभी देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि जो कोशिशें चल रही हैं, निकट भविष्य में शांति का सूरज जरूर उगेगा। मणिपुर फिर नए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ेगा।

सदन के साथियों से निवेदन है देश में मणिपुर से भी गंभीर समस्याएं आईं, लेकिन मिलकर रास्ते निकाले। मिलकर चलें, मणिपुर को भरोसा देकर चलें, राजनीति के लिए मणिपुर का दुरुपयोग ना करें, दर्द की दवा बनकर काम करें

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