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HC बोला- बदलापुर की घटना एनकाउंटर नहीं मान सकते,4 अफसर एक आरोपी को नहीं संभाल पाए, बचाव में पैर पर गोली मारते हैं, सिर में नहीं

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हाल ही में एक हाई कोर्ट ने बदलापुर की घटना को लेकर अहम टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि इस घटना को एनकाउंटर नहीं माना जा सकता, क्योंकि इसमें 4 पुलिस अधिकारी एक आरोपी को नियंत्रित करने में असफल रहे। कोर्ट ने सवाल उठाते हुए कहा कि आमतौर पर जब पुलिस आत्मरक्षा में गोली चलाती है, तो वे आरोपी को पैर में गोली मारते हैं, न कि सिर में।

कोर्ट की टिप्पणियां:

  1. एनकाउंटर को खारिज किया: कोर्ट ने कहा कि बदलापुर की घटना को एनकाउंटर का मामला नहीं माना जा सकता है। कोर्ट का तर्क था कि यदि पुलिस आत्मरक्षा में गोली चलाती है, तो आरोपी के पैर पर गोली मारी जाती है, ताकि उसे रोका जा सके। लेकिन इस मामले में गोली सिर पर चलाई गई, जो संदेहास्पद है।
  2. चार पुलिस अधिकारियों की भूमिका: कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि चार प्रशिक्षित पुलिस अधिकारी एक आरोपी को नियंत्रित करने में असफल कैसे हो गए। इससे यह भी सवाल उठता है कि क्या यह एनकाउंटर की घटना थी या फिर किसी और मंशा से किया गया था।
  3. आत्मरक्षा का तर्क: कोर्ट ने कहा कि आत्मरक्षा में गोली चलाने के मामलों में भी सावधानी बरतनी चाहिए। पुलिस का यह तर्क कि आरोपी को मार गिराने के लिए आत्मरक्षा में गोली चलाई गई थी, कोर्ट के सामने टिक नहीं पाया, क्योंकि पुलिस को ऐसी स्थितियों में घातक चोट देने की बजाय आरोपी को अक्षम करने के उद्देश्य से गोली मारनी चाहिए थी।

निष्कर्ष:

इस मामले में हाई कोर्ट ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं और एनकाउंटर की वैधता पर गंभीर संदेह व्यक्त किया है। कोर्ट की इस टिप्पणी से पुलिस की कार्यप्रणाली और एनकाउंटर के मामलों में जवाबदेही सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।

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