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दुनिया के 40 देशों में फैला कोरोना का JN.1 वैरिएंट,भारत में 21 केस, WHO ने कहा- इससे खतरा नहीं..
कोरोना का नया सब-वैरिएंट JN.1 दुनिया के 40 देशों में फैल चुका है। भारत में अब तक इसके 21 केस आ चुके हैं। इनमें गोवा में 19 और केरल-महाराष्ट्र में 1-1 मामला आया है।
नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने बुधवार को बताया कि पिछले दो हफ्ते के दौरान भारत में कोरोना से 16 लोगों की मौत हुई है। हालांकि, इनमें अधिकतर लोग डायबिटीज और हार्ट प्रॉब्लम जैसी दूसरी बीमारियों से भी जूझ रहे थे।
केंद्र के मुताबिक, देशभर में कोरोना के करीब 2300 एक्टिव मामले हैं। इनमें 91- 92% लोग घरों में ही इलाज करवा रहे हैं। नए वैरिएंट वाले मरीजों में वायरस के लक्षण काफी हल्के हैं। हालांकि, घबराने वाली कोई बात नहीं है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने JN.1 को ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ में शामिल किया है। WHO ने बताया कि अभी तक का विश्लेषण कहता है कि मौजूदा वैक्सीन JN.1 वैरिएंट पर पूरी तरह से कारगर है। इससे लोगों को ज्यादा खतरा नहीं है।
हालांकि, WHO ने सावधानी के तौर पर एडवाइजरी जारी की है। इसमें लोगों को भीड़ वाले, बंद या दूषित हवा वाले इलाकों में मास्क पहनने की सलाह दी गई है। साथ ही आवश्यक दूरी बनाने को भी कहा गया है।
केंद्र के निर्देश- सभी जिले टेस्ट करें
केंद्र सरकार ने राज्यों की दी एडवाइजरी में कहा है कि सभी जिले कोविड टेस्ट करें। पॉजिटिव सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए लैब भेजें। मॉक ड्रिल करके समय-समय पर तैयारियों का जायजा लें।
कर्नाटक के पड़ोसी राज्य केरल और तमिलनाडु में कोविड-19 के नए वैरिएंट JN.1 के मामले बढ़ने के कारण वहां भी एडवाइजरी जारी की गई।
60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के सभी बुजुर्गों, किडनी, हृदय, लिवर जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों, गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली मांओं को बाहर जाने पर अनिवार्य रूप से मास्क पहनने की सलाह दी गई है।
केंद्र के निर्देशों के अनुसार, अभी ज्यादा घबराने या तुरंत प्रतिबंध लगाकर सीमा पर (केरल, तमिलनाडु राज्यों) निगरानी बढ़ाने की जरूरत नहीं है। हालांकि, केरल और तमिलनाडु से लगे सभी सीमावर्ती जिलों को सतर्कता बरतनी चाहिए। क्रिसमस और नए साल के जश्न के दौरान लोगों को खास तौर पर सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
भारत में कहां से आया JN.1 वैरिएंट ?
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल के मुताबिक 8 दिसंबर को केरल के तिरुवनंतपुरम में सबसे पहला JN.1 वैरिएंट सामने आया था। 79 साल की एक महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। महिला में इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी के हल्के लक्षण थे। हालांकि, बाद में वह ठीक हो गई।
कोविड के सब-वैरिएंट JN.1 की पहचान पहली बार यूरोपीय देश लक्जमबर्ग में हुई। यहां से यह तमाम देशों में फैलना शुरू हो गया। यह सब-वैरिएंट पिरोलो वैरिएंट (बीए.2.86) से जुड़ा हुआ है। इसे इंसानी शरीर की इम्यूनिटी के खिलाफ खतरनाक बताया जा रहा है। यही वजह है कि नए सब-वैरिएंट को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।
केंद्र के निर्देश- सभी जिले टेस्ट करें
केंद्र सरकार ने राज्यों की दी एडवाइजरी में कहा है कि सभी जिले कोविड टेस्ट करें। पॉजिटिव सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए लैब भेजें। मॉक ड्रिल करके समय-समय पर तैयारियों का जायजा लें।
कर्नाटक के पड़ोसी राज्य केरल और तमिलनाडु में कोविड-19 के नए वैरिएंट JN.1 के मामले बढ़ने के कारण वहां भी एडवाइजरी जारी की गई।
60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के सभी बुजुर्गों, किडनी, हृदय, लिवर जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों, गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली मांओं को बाहर जाने पर अनिवार्य रूप से मास्क पहनने की सलाह दी गई है।
केंद्र के निर्देशों के अनुसार, अभी ज्यादा घबराने या तुरंत प्रतिबंध लगाकर सीमा पर (केरल, तमिलनाडु राज्यों) निगरानी बढ़ाने की जरूरत नहीं है। हालांकि, केरल और तमिलनाडु से लगे सभी सीमावर्ती जिलों को सतर्कता बरतनी चाहिए। क्रिसमस और नए साल के जश्न के दौरान लोगों को खास तौर पर सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
भारत में कहां से आया JN.1 वैरिएंट ?
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल के मुताबिक 8 दिसंबर को केरल के तिरुवनंतपुरम में सबसे पहला JN.1 वैरिएंट सामने आया था। 79 साल की एक महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। महिला में इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी के हल्के लक्षण थे। हालांकि, बाद में वह ठीक हो गई।
कोविड के सब-वैरिएंट JN.1 की पहचान पहली बार यूरोपीय देश लक्जमबर्ग में हुई। यहां से यह तमाम देशों में फैलना शुरू हो गया। यह सब-वैरिएंट पिरोलो वैरिएंट (बीए.2.86) से जुड़ा हुआ है। इसे इंसानी शरीर की इम्यूनिटी के खिलाफ खतरनाक बताया जा रहा है। यही वजह है कि नए सब-वैरिएंट को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।
अमेरिका में 8 दिसंबर को मिला था पहला JN.1 का मरीज
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने कहा था कि 8 दिसंबर तक अमेरिका में सब वैरिएंट JN.1 अनुमानित 15% से 29% कोविड केस के लिए जिम्मेदार है। सितंबर में पहली बार JN.1 का मरीज सामने आया था।
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